गुजरात सरकार की सख्ती के बीच, नरम पड़े विहिप के तेवर, फिल्म ‘पठान’ के खिलाफ वापस लिया विरोध
गुजरात सरकार की सख्ती के बीच शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ पर विरोध थमता नजर आ रहा है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की गुजरात इकाई ने रिलीज से ठीक एक दिन पहले फिल्म ‘पठान’ के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि फिल्म से ‘आपत्तिजनक’ सामग्री को हटाए जाने के कारण यह फैसला लिया गया है। सनद रहे हाल ही में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सूरत के एक सिनेमाघर में घुस गए थे और फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले थे। इसके बाद पुलिस ने विहिप के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था। विहिप के इन कार्यकर्ताओं पर दंगा करने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया था।
अब विहिप की गुजरात इकाई के सचिव अशोक रावल ने अपने बयान में कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म में अश्लील गीत और भद्दे शब्द को संशोधित किया है, इसलिए अब फिल्म की रिलीज का विरोध नहीं किया जाएगा। मालूम हो कि ‘बेशरम रंग’ गाने में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकिनी में दिखाने के लिए ‘पठान’ को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। विहिप सहित कई संगठनों के नेताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जो बुधवार को रिलीज होने वाली है।
रावल ने दावा किया कि सेंसर बोर्ड ने अपने हालिया परिपत्र में गाने, रंग और कपड़ों को लेकर 40 से 45 सुधार किए हैं, जिससे मुद्दों का समाधान हो गया, इसलिए अब उन्हें विरोध करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने इसे हिंदू समुदाय की जीत बताई। विहिप नेता ने कहा- पठान’ के खिलाफ बजरंग दल के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म में अश्लील गीत और भद्दे शब्दों को संशोधित किया है, जो अच्छी खबर है। मैं सभी कार्यकर्ताओं और पूरे हिंदू समुदाय को बधाई देता हूं, जिन्होंने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए यह सफल संघर्ष किया।
विहिप की गुजरात इकाई के सचिव अशोक रावल ने कहा कि अब यह प्रबुद्ध नागरिकों को तय करना है कि फिल्म देखनी है या नहीं। पूर्व में दक्षिणपंथी समूहों ने गुजरात में फिल्म की रिलीज को रोकने की धमकी दी थी, जबकि राज्य सरकार ने मल्टीप्लेक्स मालिकों के अनुरोध के बाद सिनेमाघरों को पुलिस सुरक्षा का आश्वासन दिया था। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ गुजरात के प्रतिनिधियों ने पिछले हफ्ते गांधीनगर में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी से मुलाकात कर उन्हें विभिन्न समूहों से मिली धमकी के बारे में अवगत कराया था। संघवी ने उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया था और सिनेमाघरों के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात करने का वादा किया था।