अमित शाह के सवालों पर सियासत शुरू, मरकाम बोले- रमन राज का 15 साल भ्रष्टाचार

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर दर्जनभर से अधिक सवाल उठाए। उन्होंने मंच से सरकार को आदिवासी विरोधी और केंद्र सरकार के पैसों का दुरुपयोग करने वाला बताया। शाह के आरोपों पर कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तिलमिला गए और एक-एक आरोपों का जवाब दिया। प्रदेश में पिछले चार वर्षों से कांग्रेस की सरकार है, लेकिन पहली बार भाजपा के किसी आरोप पर सरकार की बेचैनी साफ नजर आई। प्रदेश में एक वर्ष बाद विधानसभा चुनाव होना है। शाह चुनावी शंखनाद करने आकांक्षी जिला कोरबा पहुंचे थे। शाह के सवाल और मुख्यमंत्री के जवाब के बाद अब कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच भी सवालों की सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता भाजपा से 15 वर्षों का हिसाब मांग रहे हैं, तो भाजपा शाह के सवालों को उठाकर सरकार की बेचैनी बढ़ा रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि शाह छत्तीसगढ़ में चुनाव अभियान की शुरुआत करने आए थे, यह हमारे लिए शुभ संकेत है। पिछली बार उन्होेंने जो लक्ष्य दिया, जनता ने उससे ज्यादा कांग्रेस विधायक जिताए। मरकाम ने पूछा कि शाह छत्तीसगढ़ की जनता से रमन सिंह के किन कामों के आधार पर वोट मांगने की बात कर रहे हैं। रमन राज का 15 साल भ्रष्टाचार, कुशासन और वादाखिलाफी का युग था। किसानों को हर चुनाव के पहले बोनस देने का वादा किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कभी नहीं दिया। 2100 रुपये धान की कीमत देने का वादा कर सरकार बनाने के बाद भी भाजपा ने किसानों को कभी धान का मूल्य 2100 रुपये नहीं दिया।

मरकाम ने कहा कि अमित शाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगने की बात कर रहे हैं। जनता मोदी को भी क्यों वोट देगी? नौ वर्षों में मोदी ने भी तो एक भी वादा पूरा नहीं किया। हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार का सब्जबाग दिखाया था। आज देश की बेरोजगारी दर 1972 के बाद 50 वर्षों में सबसे ऊंचे पायदान पर है। 100 दिनों में महंगाई कम करने का वादा था, लेकिन आज महंगाई से आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा था, लेकिन किसान को उसकी लागत के बराबर भी समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। ऐसे में जनता मोदी को या उनके नाम पर क्यों वोट दे?

36 काम किए होते तो 3600 शब्द के जवाब नहीं देने पड़ते: कौशिक

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इन चार वर्षों में यदि विकास के 36 कार्य किए होते तो उन्हें 3600 शब्द के झूठ का दस्तावेज पेश नहीं करना पड़ता। हर मोर्चे पर असफल कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के चेहरे पर निराशा का भाव साफ झलक रहा है। मुख्यमंत्री के 1500 दिनों के कार्यकाल के बाद भी ऐसे 15 कार्य भी नहीं दिखते हैं, जिन्हें लेकर मुख्यमंत्री जनता के बीच जा सकें। केवल भ्रम का सहारा लेकर मुख्यमंत्री भ्रामक बातें कर रहे हैं।

कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया। यही कारण है कि विरोधस्वरूप हर तरफ समाज का हर वर्ग ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कर रहा है। मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने के लिए केवल कथित तौर पर विज्ञापन अभियानों का सहारा लिया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब भूपेश सरकार को आईना दिखाते हुए सत्य का बोध कराया तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके स्क्रिप्ट राइटरों ने 3600 शब्दों का बयान देकर केवल सफाई देने की कोशिश की है।

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