टीम इंडिया के चयन में छुपे भविष्य के संकेत, पुराने इंजन से अब गाड़ी नहीं खिंचेगी
श्रीलंका के खिलाफ घरेलू वनडे और टी-20 सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) टीम इंडिया का ऐलान कर चुका है। इस बार इसे सामान्य घोषणा नहीं कह सकते क्योंकि बदलाव के दौर में यह भविष्य के कई संकेत दे गया है। हार्दिक पांड्या को जहां टी20 टीम की कप्तानी सौंपी गई है, वहीं वनडे टीम में उनको केएल राहुल की जगह उप-कप्तान बनाया गाय है। श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में भारतीय उप-कप्तान विस्फोटक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव होंगे। वहीं बात टी20 टीम की करें तो श्रीलंका के खिलाफ रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। ऐसे में युवा खिलाड़ियों के पास अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने का बेहतरीन मंच तैयार हो चुका है।
हार्दिक और सूर्यकुमार का प्रमोशन : टी-20 में हार्दिक पांड्या की कप्तानी पर चर्चा पहले भी थी मगर वनडे में भी उन्हें उपकप्तानी दी गई है। इसके अलावा सूर्यकुमार यादव को टी-20 में उपकप्तान बनाया गया है। इसका मतलब यह है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब तेजी से नया नेतृत्व तैयार करना चाहता है। इसके एक मायने यह भी हैं कि कभी कप्तानी के स्पष्ट दावेदार आंके जा रहे केएल राहुल भी योजना में पीछे चले गए हैं। हालांकि इसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। इसी के साथ बोर्ड ने यह संदेश देने की भी साफ कोशिश की है कि अब अगली पंक्ति की बारी है। पुराने इंजन से गाड़ी नहीं खिंचने वाली है यानी रोहित, विराट, भुवनेश्वर कुमार जैसे दिग्गज खिलाड़ी अब कम से कम टी-20 की भविष्य की योजना में नहीं हैं।
ऋषभ पंत की बड़ी मुश्किले! : टेस्ट को छोड़ दें तो वनडे और टी-20 दोनों प्रारूप में ऋषभ पंत का प्रदर्शन उनकी क्षमता से कमतर रहा है। वनडे में उनका औसत करीब 35 और टी-20 में करीब 22 का रहा है। टी-20 में स्ट्राइक रेट भी महज 126 का है जो उन जैसे बल्लेबाज के लिए साधारण कहा जाएगा। इसे लेकर कई दिग्गज लगातार आलोचनाएं भी करते रहे हैं। अब पंत का दोनों ही प्रारूपों से बाहर होना दर्शाता है कि चयनकर्ता अब ढील देने के मूड में नहीं। हालांकि आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि उन्हें हटाया गया है या आराम दिया गया है। मगर माना जा रहा है कि ईशान किशन के ‘उदय’ ने उनके सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। संजू सैमसन को भी आखिरकार टी-20 में जगह मिल गई है मगर वनडे में उनका न होना चौंकाता है क्योंकि 2022 में उनका वनडे औसत 71 का रहा है और वह पांच बार नाबाद रहे हैं।
धवन अब बीता कल! : रोहित की अनुपस्थिति में वनडे टीम के कप्तान रहे शिखर धवन को भी टीम में जगह नहीं मिली है। युवा क्रिकेटर शुभमान गिल और ईशान किशन का सलामी बल्लेबाज के तौर पर बेहतर प्रदर्शन भी इसकी वजह हो सकता है। धवन ने इस साल 22 वनडे मैच में 688 रन बनाए हैं मगर उनका स्ट्राइक रेट महज 74 का रहा है जो मॉडर्न क्रिकेट के लिहाज से कम है। 2011 के बाद पहली बार धवन इतना धीमा खेले हैं। भारत का पावरप्ले में तेजी से रन न बना पाना चिंताजनक विषय रहा है। उनकी उम्र भी एक फैक्टर हो सकती है। ऐसे में 37 साल के शिखर धवन के लिए अब वापसी की गुंजाइश बेहद महीन होगी।
युवा जोश के साथ नए युग का आगाज : साल 2022 पंजाब के 23 वर्षीय शुभमान गिल के आगाज वाला कहा जा सकता है। 2019 में पदार्पण के बावजूद अगले दो साल में गिल ने महज तीन वनडे खेले। मगर इस साल वरिष्ठ खिलाड़ियों का फोकस टी-20 पर रहा और उन्हें मौका मिला तो तस्वीर बदल गई। वहीं बांग्लादेश के खिलाफ ताबड़तोड़ दोहरे शतक ने चयनकर्ताओं को ईशान के रूप में बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज का बेहतरीन विकल्प दे दिया। नोएडा के तेज गेंदबाज शिवम मावी पहली बार 2018 में अंडर-19 विश्व कप में नजरों में आए थे। यहां उन्होंने 18.88 के औसत से नौ विकेट चटकाए थे। इसके बाद इसी वर्ष उनका कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से आईपीएल में पर्दापण हुआ था। टी-20 टीम में उनका चयन सरप्राइज कहा जा सकता है। मुकेश कुमार का भी टी-20 में चयन चौंकाता है। मुकेश ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के छह मैच में छह विकेट लिए थे। मगर वह बंगाल के तीसरे सबसे महंगे गेंदबाज भी रहे थे। मावी की तरह उनकी इकोनॉमी में भी सुधार की गुंजाइश हो सकती है।