छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता बताए वे कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम के समर्थन में है या विरोध में -कांग्रेस
- जब कर्मचारियों का एनपीएस में जमा पैसा केंद्र से मांगते है छग के भाजपाई विरोध करते है
- ’भाजपा नेता केंद्र की चाटुकारिता में कर्मचारियों के हितों के खिलाफ’
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वित्तमंत्री निर्मलासीतारमण से राज्य के कर्मचारियों के एनपीएस में जमा 17,240 करोड़ की राशि वापस किये जाने की मांग का राज्य के भाजपा नेताओं के द्वारा विरोध किये जाने पर कांग्रेस ने भाजपा की कर्मचारी विरोधी रवैय्या बताया है। प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता स्पष्ट करे कि वे कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम के समर्थन में है या विरोध में? मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों का जमा पैसा केंद्र से वापस मांगा है कोई अनुदान या खैरात नहीं यह कर्मचारियों का हक का पैसा है उनके वेतन से काटा गया है। राज्य सरकार रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों के बुढ़ापा को सुरक्षित करने ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के निर्णय ले चुकी है तब केन्द्र को बिना हिलाहवाला किये एनपीएस के 17,240 करोड़ रु तत्काल वापस करे।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य के भाजपा नेताओं का यह कहना कि घोषणा मुख्यमंत्री ने किया है तो वह लागू करे केंद्र क्या करे यह बेहद ही गैरजिम्मेदाराना बयान है। मुख्यमंत्री ने घोषणा किया है तो कर्मचारियों के पेंशन की बहाली राज्य सरकार करेगी। इसके लिए राज्य ने अपने अंश दान में बढ़ोतरी भी कर दिया है। राज्य अपने बूते पर योजना लागू करेगी लेकिन केंद्र का पैसा न वापस करना जबरिया अड़ंगा है और राज्य के भाजपाइयों का इसका समर्थन निम्नस्तरीय और कर्मचारी विरोधी चरित्र। प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी भाजपा के इस अवसरवादी रवैय्ये को देख समझ रहे है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र सिर्फ कर्मचारियों के एनपीएस के 17,240 करोड़ ही नही राज्य के अन्य मदो के जीएसटी का, विभिन्न शेश का पैसा, कोयला रॉयल्टी क्षतिपूर्ति का पैसा, मनरेगा का पैसा जो 55,000 करोड़ से अधिक का है केंद्र राज्य को सिर्फ इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि राज्य में कांग्रेस के सरकार है ताकि पैसे के अभाव में सरकार काम न कर पाए। केंद्र सरकार राज्य का उसके हक का पैसा दे दे तो राज्य को उसके जनहित के अनेकों काम सम्पादित हो जाये।