PAK में डेमोक्रेसी का डब्बा गोल, टीवी चैनलों को निर्देश- इमरान खान को न दिखाएं

नई दिल्ली. पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार का तानाशाही रवैया देखनो को मिला है। शनिवार को पाकिस्तान पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने देश के सभी टीवी चैनलों पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान के भाषणों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण और उसके दोबारा प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान की जियो न्यूज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को अपने पूर्ववर्ती इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘सभी न्यायाधीशों का एक आयोग’ गठित करने की मांग की। पंजाब के वजीराबाद जिले में लॉन्ग मार्च के दौरान 70 वर्षीय खान के कंटेनर पर दो हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके दाहिने पैर में गोली लग गई थी। 

हमले में इमरान खान को लगी है गोली

खान पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई नेता घायल हो गए। खान ने अपने ऊपर हमले के एक दिन बाद, आरोप लगाया कि तीन व्यक्ति- प्रधान मंत्री शहबाज, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या के प्रयास के पीछे थे।

पीटीआई नेता ने हमले को सोची-समझी साजिश का हिस्सा बताया

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की कोशिश एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। साथ ही, आरोप लगाया कि पाकिस्तान की संघीय सरकार के तीन अधिकारी और सैन्य प्रतिष्ठान हमले के सरगना हैं।

देश में शुरू हो गया विरोध

पीटीआई की ओर से निकाले जा रहे लॉन्ग मार्च को इमरान खान के ठीक होने तक रोक दिया गया है। जब वो ठीक हो जाएंगे तो मार्च आगे बढ़ेगा। अब पूर्व प्रधानंत्री पर हुए हमले का विरोध भी शुरू हो गया है। पंजाब प्रांत समेत कई राज्यों में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुए।

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