समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए: श्री भूपेश बघेल

धान खरीदी की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने मुख्य सचिव के नेतृत्व में प्रभारी सचिव, कलेक्टर रहें मुस्तैद

समिति स्तर पर 1 नवंबर किसानों की बैठक ली जाए, किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर करें

धान को सुखा कर लाने के लिए किसानों को सेंसिटाइज़ करें ताकि उन्हें परेशानी न हो

भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए, इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए

धान परिवहन की व्यवस्था पूर्ण कर ली गयी है

मिल पंजीयन में तेज़ी लाई जाए

धान का अवैध परिवहन रोकने अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच चौकियां सक्रियता से करें कार्य

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान बेचने वाले किसानांे को समितियां और उपार्जन केन्द्रों में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी की सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलों के प्रभारी सचिव और कलेक्टर मुस्तैद रहें। उन्होंने कहा कि समिति स्तर पर 1 नवम्बर को किसानों की बैठक ली जाए और किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण धान कटाई पूरे तरीके से शुरू नही हुई है। किसानों को धान को सुखाकर लाने के लिए सेंसिटाईस करें, ताकि उन्हें धान बेचने में परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए। इसका किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने धान की मिलिंग के लिए राईस मिलों के पंजीयन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री डी.डी. सिंह, खाद्य सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, मुख्यमंत्री के उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में किसानों के पंजीयन की स्थिति, बारदाना व्यवस्था, धान परिवहन की तैयारियों, संग्रह केन्द्रों में की गई तैयारियों और मिलों के पंजीयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि धान परिवहन की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। नवगठित सभी पांच जिलों में डीएमओ, सहायक लेखा अधिकारी व क्षेत्र सहायक की पदस्थापना की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच चौकियां सक्रियता से काम करें।

पंजीकृत किसानों और धान के रकबे में बढ़ोतरी

बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ वर्ष 2022-23 में एक लाख 29 हजार नये किसानों के एक लाख 9 हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है। इस प्रकार खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के लिए 25 लाख 23 हजार किसानों के 29.42 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया जा चुका है। गौरतलब है कि पिछले खरीफ वर्ष में धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 24 लाख 5 हजार थी। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि धान खरीदी के लिए वर्तमान में लगभग 3 लाख 92 हजार गठान नये, पुराने बारदाने उपलब्ध हो चुके हैं। इसके अलावा नये बारदानों की प्राप्ति तथा पुराने बारदानों के संकलन एवं सत्यापन का कार्य सतत रूप से प्रक्रियाधीन है। राज्य स्तरीय समिति के निर्णय के अनुसार सभी जिलों में धान परिवहन हेतु परिवहनकर्ताओं से अनुबंध किया जा चुका है, साथ ही धान परिवहन हेतु अन्य आवश्यक तैयारियां भी पूर्ण की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मिलरों द्वारा समितियों से धान के अधिकतम उठाव को सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियों को धान खरीदी हेतु अग्रिम राशि उपलब्ध कराई जाए। बैठक में बताया गया कि विपणन संघ द्वारा धान खरीदी के संबंध में प्रदेश स्तर पर जिलों के सभी मास्टर ट्रेनर्स तथा मास्टर ट्रेनरों द्वारा धान खरीदी में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

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