21 अक्टूबर को होगी महासमुन्द में किसानों का महाबइठका, 21 अक्टूबर को होगी महासमुन्द में किसानों का महाबइठका
रायपुर. दिल्ली सीमाओं पर चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन की दो प्रमुख मांगें थीं । पहली माग किसान , कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी तथा कॉर्पोरेट समर्थक कानूनों को निरस्त करना और दूसरी मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देना । जिससे किसानों को बारहों माह अपनी फसल का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम न मिले । केन्द्र की मोदी सरकार , उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकारों की सक्रिय भागीदारी से थोपे गए राज्य आतंक के जरिये शुरू से ही आंदोलन को बाधित करने की पूरी कोशिश की थी । मोदी सरकार द्वारा राज्य आतंक और गोदी मीडिया की से गलत सूचना व फर्जी अभियान आंदोलन के दौरान जारी रहा । लेकिन साहसी किसानों की बहादुरी और दृढ़ संकल्प के आगे मोदी सरकार के सारे मंसूबे ध्वस्त हो गए । परंतु आज भी किसानों के ऊपर दमनकारी नीतियों का तलवार लटका हुआ है । कानून वापस लेने के बाद आज तक न्यूनतम समर्थन में फसल खरीदी की कानूनी गारंटी बाकी है । केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा मेहनतकश मजदूर किसान और आम जनता को चुनावी वायदों में उलझाया गया उनके द्वारा किये गये वायदे आज तक अधूरे हैं किसानों को राहत मिलने के बजाय उनके सामने फसल उत्पादन करने से लेकर अपनी फसल का वाजिब दाम पाने के लिए लगातार संकट गहराते जा रहें हैं । खाद , बीज , दवाईयों दामों में बढ़ौतरी ने किसानों का आर्थिक हालत बद से बदतर कर दिया है । ऐसे परिस्थिति में कृषि और किसानों की वर्तमान हालत और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी जरूरी क्यों है इस संबंध में व्यापक चर्चा , किसानों की एकजूटता और आगामी रणनीति के लिए छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ( संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 21 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को दिन के 11 बजे से शाम 5 बजे तक कृषि उपज मंडी महासमुन्द में किसान महाबइतका का आयोजन किया गया है जिसमें सभी किसान , मजदूर , छात्र युवा , बुध्दिजीवियों , पत्रकारों आम नागरिकों को हम आमंत्रित करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर हमारी एकजूटता को मजबूती प्रदान करें ।
केन्द्र सरकार से हमारी मांगें है- 1. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों का लागत से डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो 2. सभी कृषि उपजों को बारहों माह न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की कानूनी गारंटी दो । 3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि का लाभ सभी किसानों को अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाये । 4. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जाये तथा सभी बकाया किस्त की राशि तत्काल प्रदान की जाये । 5 यूरिया , डीएपी जैसे सभी प्रकार की खाद की उपलब्ता बढ़ायी जाये कालाबाजारी पर रोक लगायी जाये ।
राज्य सरकार से हमारी मांगें है- 1. सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों का दाना दाना धान खरीदी जाये । 2. भाजपा सरकार की दो साल का धान का बोनस किसानों को प्रदान किया जाये । 3 . चिटफंड कंपनियों से किसान , मजदूर , एवं आम अभिकर्ता / निवेशकों की राशि वापस दिलाया जाये । 4 . छत्तीसगढ़ में किसान आयोग का गठन किया जाये । 5 प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत बकाया सभी किस्त हितग्राहियों को शीघ्र प्रदान की जाये ताकि अधूरे आवास का निर्माण पूरा किया जा सके तथा योजना से वंचित गरीब किसान मजदूरों आवास हेतु स्वीकृति प्रदान किया जाये । 6. ऋणी एवं अऋणी सभी किसानों को सहकारी समितियों में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करायी जाये । 7. राईस मीलरों द्वारा खरीदे गए धान का बकाया भुगतान किया जाए । 8 हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला उत्खनन एवं रहवासियों के विस्थापन पर रोक लगाओ । 9 राजधानी और जिला स्तर पर किसान भवन का निर्माण किया जाये 10 बारदाना समस्या की स्थायी निराकरण के लिए जूट मील की स्थापना किया जाये । 11. कृषि उपज मंडियों में सौदा पत्रक को समाप्त किया जाए तथा सौदा पत्रक के नाम से अब तक हुए भ्रष्टाचार की जांच किया जाये । 12. कर्जमाफी से वंचित सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाये । 13 कृषि उपज मंडी एवं सहकारी समितियों में आम निर्वाचन द्वारा प्रतिनीधियों का चुनाव किया जाये । 14. जंगली सूवर को वन्य प्राणी अधिनियम से बाहर किया जाये । 15. लखौली रेलवे पुल निर्माण के कारण जलभराव से हुए किसानों के फसल नुकसान का एक साल से लंबित मुआवजा प्रदान करो । 16. सड़क में गड्ढों के कारण दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही किया जाये । अन्य मांगे जो महाबइतका में आयेगी उसे सम्मिलित कर प्रस्ताव के रूप में राज्य से संबंधित विषयों को ज्ञापन के रूप में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सरकार और केन्द्र से संबंधित विषयों को ज्ञापन के रूप में केन्द्र सरकार को सौंपी जायेगी ।
पत्रकार वार्ता को तेजराम विद्रोही संयोजक मंडल सदस्य छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ, जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर संयोजक किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुन्द्र लक्ष्मीनाराण चन्द्राकर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अभिकर्ता/निवेशक कल्याण संघ, अजय राहू संयोजक किसान भुगतान संघर्ष समिति सांकरा, पवन सक्सेना सदस्य कृषक बिरादरी ने संबोधित किया।