नवरात्रि समापन के बाद देखने को मिला मां समलेश्वरी के द्वार से लोटने व भुईयां नापने वालों का रेला
चांपा: अंततः इस वर्ष का शारदीय नवरात्रि में शक्ति उपासना की महापर्व समापन की ओर है पर इसी के साथ हम यहां कोसा कासा कंचन कि पावन नगरी चांपा में विराजित ममतामई मां समलेश्वरी का उल्लेख ना करें तो यह शारदीय नवरात्रि कई मायनों में हमें आधा अधूरा महसूस होगा हां मित्रों चांपा नगर वह धन्य धरा भूमि है जहां शक्ति स्वरूपा मां समलेश्वरी साक्षात रुप से विराजती हैं ऐसा श्रद्धालु एवं भक्तों का अगाध विश्वास है और इसे हम भी पूरे मन से स्वीकार करते हैं कि मां समलेश्वरी चांपा नगर की गोठिन दाई के रूप में प्रतिष्ठा पाती हैं मां भगवती का प्रतिष्ठा एवं श्रद्धा भक्तों के मन में इतना गहरा उतर चुका है इसका हम उदाहरणों से स्पष्ट समझ सकते हैं
जहां हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होते हैं और यह ज्योति कलश प्रज्ज्वलित तभी होते हैं जब भक्तों का मांगा हुआ मुराद पुरा होता है जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मां समलेश्वरी के दरबार में श्रद्धा विश्वास के वशीभूत होकर मनोकामना मांगने वालों की इतनी बड़ी तादाद होती होगी जो हर वर्ष सैकड़ों की तादात में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते हैं यही नहीं भक्तों में चाहे महिला हो या पुरुष ऐसे भी लोगों की बड़ी संख्या है जो मनोकामना पूर्ण होने के उपरांत अपने घर से मंदिर तक भूईया नापते हुए मां के दरबार में पहुंचकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हैं साथ ही ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या देखने को मिलती है जो मां भवानी के मंदिर से लेकर राम बांधा तालाब तक जवारा ज्योति कलश विसर्जन के दौरान लोटते हुए मां के नाम से समर्पित भावना व्यक्त करते हुए मनोकामना पूर्ण होने के उपरांत
मां के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नजर आते हैं और यही नजारा हमें कल नवरात्रि समापन के बाद देखने को मिला जहां चांपा नगरवासियों की ही नहीं बल्कि आसपास के अन्य जिलों से तथा ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए हजारों लोगों की उपस्थिति में मां समलेश्वरी के दरबार से जवारा ज्योति कलश विसर्जन का जबरदस्त शोभायात्रा हमें देखने को मिला इस दौरान भूईया नापते तथा जमीन में लोटने वालों की एक लंबी चौड़ी रेला देखने को मिली जिसे देखकर श्रद्धालुओं के मन में मां भवानी के प्रति अगाध श्रद्धा और विश्वास इस कदर बढ़ गया कि लोग उन्हें बारंबार नमन करते हुए नजर आए क्योंकि मां भगवती के दरबार से पूरे श्रद्धा विश्वास के साथ मांगने वालों की झोली कभी खाली नहीं रहती इसीलिए भक्त दूर-दूर से मां के दरबार पहुंचकर झोली फैलाकर मांगते हैं और उन्हें उनका मांगा हुआ वरदान निसंदेह मिलता है