हैवानियत से भरी कहानी:दुष्कर्म नहीं करने देने पर पेट को चीर देते था यह किलर

राजस्थान: सीरियल किलर की पहली सीरीज में आपने कनपटीमार शंकरिया की खौफनाक कहानी पढ़ी। आज इस सीरीज के दूसरे भाग में हम आपके लिए महावीर सिंह उर्फ मोहन की हैवानियत से भरी कहानी लेकर आए। महावीर सिंह सीरियल किलर होने के साथ साइको भी था। संबंध बनाने से मना करने पर वह महिलाओं की हत्या कर देता था। हत्या का तरीका भी ऐसा कि जो भी सुने उसकी रूह कांप जाए। साइको महावीर महिलाओं का पेट चीरकर हत्याएं करता था। उसने कितनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया वह खुद नहीं जानता।

कोटा के रहने वाले महावीर सिंह उर्फ मोहन का कोई ठिकाना नहीं था। न तो उसका कोई परिवार था न ही कोई रिश्तेदार, उसने कभी मोबाइल भी यूज नहीं किया। खानाबदोश महावीर खाना खाने और शराब पीने के लिए मजदूरी करता था। वह कब कहां होता था किसी को नहीं पता था। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो कई खुलासे हुए। आइए अब सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं साइको सीरियल किलर महावीर के अपराधों की हैरान करने वाली कहानी।

साल 1997 में महावीर सिंह उर्फ मोहन एक साथ दो हत्याएं कीं। हत्यारे का शिकार एक महिला और उसकी बेटी बनी। दोनों ने उसके साथ संबंध बनाने से मना किया तो आरोपी ने शराब की बोतल से दोनों का पेट चीर दिया। उद्योग नगर थाना में हुई घटना से लोग खौफ में आ गए थे। हत्या के बाद साइको मोहन फरार हो गया। वह निंबाहेडा जाकर रहने लगा, खाना खाने और शराब पीने के लिए वह मजदूरी करने लगा।

किसी को भी खबर नहीं थी कि एक हत्या खुलेआम घूम रहा है। इस दौरान भी आरोपी अपनी हैवानियत से बाज नहीं आया। छह साल बाद 2003 में उसने एक मजदूर महिला पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया, लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद साइको मोहन ने महिला मजदूर की पेट चीरकर हत्या कर दी।

हालांकि, इस केस में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुजाई। जयपुर की सांगानेर जेल में बंद आरोपी को 2016 में पेरोल दी गई, जिसके बाद वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे तलाशने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

इधर, 24 मई 2019 को कोटा के विज्ञान नगर में बोरे में बंद एक निर्वस्त्र महिला का शव मिला। तीन दिन तक उसकी पहचान नहीं हो सकी। शव की हालत ऐसी थी कि पुलिसकर्मचारियों की भी रुह कांप गई। पुलिस जांच में सामने आया कि साइको मोहन महिला को ज्यादा मजदूरी दिलाने का लालच देकर विज्ञान नगर के निर्माणाधीन भवन में ले गया था।

जहां शराब पीकर उसने महिला से शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। इस बात से गुस्साए मोहन ने महिला का गला घोंट दिया। इसके बाद उसने चाकू से महिला का पेट चीरा और आंते व आमाशय बाहर निकालकर फेंक दिए। महिला के कपड़े उसके पेट में भर दिए और फिर लोहे के तार से चीरे हुए पेट को सिल दिया। बाद में शव को ठिकाने लगा दिया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए करीब 100 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसके बाद 2016 में जेल से फरार हुए महावीर सिंह उर्फ मोहन को गिरफ्तार किया गया। अभी वह जेल ही बंद है।

महावीर सिंह उर्फ मोहन शराब का बुरी तरह से आदी था। बिना नशे के वह रह नहीं पाता था। कुछ घंटे बीतने के बाद उसे शराब चाहिए होती थी। शराब के नशे में होने के पर जो भी महिला उसके साथ संबंध बनाने से मना करती उसकी वह हत्या कर देता। इससे पहले बुरी तरह प्रताड़ित भी करता। मोहन की दरिंदगी ऐसी कि शरीर की चीर-फाड़ करके बॉडी पार्ट्स भी निकालकर फेंक देता था।

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