सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता देख ईरान में इंटरनेट कर दिया गया प्रतिबंधित

ईरान में महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद से विरोध और उग्र होता जा रहा है. सुरक्षाबलों के बल प्रयोग से अब तक तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है और करीब 220 लोग जख्मी हो गए हैं. उर्मिया, पिरानशहर और करमानशाह में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए तीन प्रदर्शनकारियों में एक महिला भी शामिल है.

रॉयटर्स के मुताबिक सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता देख ईरान में इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया गया है. इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को बैन कर दिया गया है. वहीं UN समेत कई देशों ने ईरान के सुरक्षाबलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बल के प्रयोग की निंदा की है. न्यूयॉर्क के ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और फोटो से पता चलता है कि अधिकारी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं और कुर्दिस्तान प्रांत में घातक बल का इस्तेमाल हुआ है. ईरान में महसा अमिनी की हत्या के विरोध में न्यूयॉर्क सिटी में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र भवन के सामने सैकड़ों की संख्या में ईरान के लोगों ने प्रदर्शन किया. ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

मसीह अलीनेजाद (पत्रकार और कार्यकर्ता) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से महसा अमिनी के नाम पर हो रहे विरोध में ईरान के लोगों के साथ खड़े होने का आग्रह किया. उन्होंने ट्वीट किया कि ईरान के लोग इतने हताश हैं कि उनका गुस्सा सड़कों पर फूट रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उनके समर्थन की जरूरत है. – अमिनी की मौत और विरोध के लेकर दुनियाभर में ईरान की आलोचना हो रही है. इसके बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बयान जारी कर कहा कि महिलाओं के अधिकारों पर पश्चिम का ‘दोहरा मापदंड’ है. – रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने महसा अमिनी की मौत को शर्मनाक घटना बताया है. उन्होंने मौत की परिस्थितियों की ईमानदारी से जांच करने की मांग की है.

वही यूरोपीय यूनियन के विदेश संबंधों की परिषद ने कहा,’महसा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह अस्वीकार्य है. उसकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.’ – अमेरिका के विदेश मंत्री ने महसा की मौत पर ईरान की निंदा की है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने महसा की मौत के लिए जिम्मेदारी तय किए जाने की मांग की है. सीनेट और प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने ईरान में महिलाओं की स्थिति पर सवाल उठाए हैं. – जिनेवा में UN ने कहा कि मानवाधिकार उच्चायुक्त नादा अल-नशिफ ने अमिनी की मौत और विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सुरक्षा बलों की हिंसक प्रतिक्रिया पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि अमिनी की मौत की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

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