बिहार कास्ट सेंसस पर राहुल की ‘चूक’ को एनडीए ने बनाया ‘बड़ा हथियार’, ’94’ के चक्कर में फंसे तेजस्वी

बीते 18 जनवरी को पटना दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीतीश सरकार के कराए गए जातिगत गणना को फेक (झूठ) करार दिया था. इस बयान के बाद बिहार की सियासत काफी गर्मा गई है. भले ही इसको लेकर महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव से लेकर दूसरे नेता सफाई दे रहे हैं, लेकिन इस बयान ने एनडीए को मानो एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है. विधान सभा चुनाव में और एनडीए इस बयान को किसी भी कीमत पर हाथ से जाने नहीं देना चाहता है. इस बहाने राहुल गांधी के बयान को आगे रखकर बिहार के 94 लाख गरीब परिवार का विरोधी बता जोर शोर से उठाने की तैयारी में जुट गया है.

जेडीयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि ये तो सब को पहले से ही पता है कि राहुल गांधी कब क्या बोल दें, यह कोई नहीं बता सकता है. लेकिन, अब वह गरीबों के लिए खतरनाक बयान तक देने लगे हैं जो अब सामने भी आ गया है. वह जातिगत गणना को झूठा बता उन 94 लाख गरीब परिवार को बड़ा झटका देना चाहते हैं जिसकी मदद की घोषणा नीतीश कुमार ने की है. लेकिन, बता दें कि बिहार की जनता ये बर्दाश्त नहीं करेगी. एनडीए इस बात को जनता तक ले जाएगा और ये बताएगा कि कौन उसका सच्चा शुभचिंतक है.

अब जरा ये भी जानिए की ये 94 लाख ग़रीब परिवार का मामला क्या है, जिसे एनडीए के नेता राहुल गांधी के बयान के बहाने उठा निशाना साध रहे हैं. दरअसल, नीतीश सरकार ने जातिगत गणना कराने के बाद ऐसे 94 लाख परिवार चिन्हित किए गए थे जो आर्थिक रूप से गरीब थे. इनके लिए नीतीश सरकार ने तय किया था कि ऐसे परिवारों की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए हर परिवार 2-2 लाख रुपये की मदद सरकार करेगी. लेकिन, राहुल गांधी के बयान के बहाने अब एनडीए ऐसे 94 लाख परिवार का विरोधी बता कर विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी कर चुका है.

जाहिर है एनडीए के राहुल गांधी के बयान के बहाने गरीब विरोधी महागठबंधन को बताने की रणनीति के बाद महागठबंधन के नेता सफाई देते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता शकील अहमद खान सफाई देते हुए कहते हैं कि राहुल गांधी के बयान को दूसरा रंग दिया जा रहा है. राहुल जी ने तो यह कहा है कि जिस उद्देश्य के लिए जातिगत गणना कराई थी वो मकसद पूरा नहीं हो रहा है, ना तो जातिगत गणना के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ पा रहा है और ना ही गरीबों को दो दो लाख रुपया अभी तक मिल पाया है.

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि तेजस्वी यादव जी वजह से बिहार में जातिगत गणना हुआ. लेकिन, जिस उद्देश्य के लिए करवाया गया था वो नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाते ही भूल गए. लेकिन इस बार जब तेजस्वी यादव की बनेगी 94 लाख गरीबों को जल्द से जल्द दो दो लाख रुपया जो घोषणा की गयी थी, दे दी जाएगी.

बहरहाल 94 लाख परिवार के बहाने बिहार की सियासत में जो सरगर्मी तेज है. आने वाले विधानसभा चुनाव के समय क्या रंग लेता है ये देखना दिलचस्प होगा. लेकिन, इतना तो तय है की राहुल गांधी के बयान के बाद गरीब, गरीबी पर हो रही सियासत ने एनडीए को एक बड़ा मुद्दा तो दे दिया है जिसकी काट महागठबंधन को ढूंढनी होगी.

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