ट्रेन पलटने की साजिश, ट्रैक पर रखा था 20 फीट लंबा लोहे का एंगल, लोको पायलट ने दिखाई सतर्कता
हरियाणा के पानीपत में बुधवार को रेलवे ट्रैक पर लोहे का एंगल रखकर ट्रेन पलटने की साजिश रची गई, लेकिन इंजन के लोको पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। लोको पायलट ने एंगल को ट्रैक से हटाया और तुरंत स्टेशन को सूचना दी। इसके बाद राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सूचना दी गई। जीआरपी की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। रेलवे जांच अधिकारी की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ रेलवे एक्ट 150 के तहत मामला दर्ज किया गया। यह साजिश उसी जगह के पास रची गई, जहां करीब 18 साल पहले समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था। अब जीआरपी पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जीआरपी थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 6:42 बजे स्टेशन मास्टर की ओर से लिखित मेमो मिला था। इसमें बताया गया था कि पानीपत-दीवाना के बीच डीएन लाइन पर ट्रैक पर लोहे का टुकड़ा पड़ा हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जीआरपी की टीम मौके पर पहुंच गई। जांच में पता चला कि पटरी पर लोहे का एक तिकोना एंगल रखा हुआ था, जो करीब 20 फीट लंबा और 2 इंच मोटा था। यह एंगल डाउन मेन लाइन पर रखा हुआ था। पानीपत से दिवाना स्टेशन जा रहे पावर इंजन के लोको पायलट ने एंगल देखा और इंजन की स्पीड कम होने के कारण उसे रोक दिया। पायलट ने एंगल को हटाकर साइड में रख दिया और स्टेशन मास्टर को सूचना दी। थाना प्रभारी बलवान सिंह के अनुसार ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की नीयत से यह एंगल दोनों पटरियों पर रखा गया था। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। आरोपियों की तलाश जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले साल देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए थे। हालांकि पिछले कुछ महीनों से ट्रेनों को पलटाने की साजिश के मामले आना बंद हो गए थे। लेकिन अब फिर से मामला सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में रात बम धमाका हुआ था। इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हो गए थे। मरने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनमें 16 बच्चे और 4 रेलवे कर्मचारी शामिल थे। यह हादसा पानीपत के दिवाना स्टेशन के पास गांव सिवाह के फाटक के पास हुआ था।