CBI का कमाल, दो भगोड़े को लाया भारत, लोगों को करोड़ों रुपये का लगाया चूना, दोनों के खिलाफ था रेड कॉर्नर नोटिस
फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार और अन्य एजेंसियों की ओर से लगातार जागरुकता अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद फ्रॉड करने वाले लोगों को अपना शिकार बना ही लेते हैं. ऐसे ही दो मामले में CBI को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. दोनों आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया गया था. अब इन दोनों आरोपियों को वापस भारत लाने में कामयाबी हासिल हुई है. जनार्दनन सुंदरम को तमिलनाडु और वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल को गुजरात पुलिस के हवाले कर दिया गया. इन दोनों पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप है.
फाइनेंशियल फ्रॉड मामले में वॉन्टेड और इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर जारी भगोड़े को भारत लाने में कामयाबी मिली है. सीबीआई ने तमिलनाडु पुलिस द्वारा वॉन्टेड जनार्दनन सुंदरम को बैंकॉक से इंडिया लाया है. सुंदरम के कोलकाता एयरपोर्ट पर लैंड करते ही उसे गिरफ्तार कर किया गया और तमिलनाडु पुलिस के हवाले कर दिया गया. इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) चेन्नई (तमिलनाडु) ने साल 2022 में सुंदरम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोपी पर धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर आरोप थे. सुंदरम पर सुंदरम 87,50,73,778 रुपये का फ्रॉड करने का आरोप है. अब उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा जाएगी.
रेड कॉर्नर नोटिस
तमिलनाडु पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने साल 2023 में इंटरपोल से को-ऑर्डिनेट किया और पूरे मामले की जानकारी देकर रेड कॉर्नर नोटिस इश्यू करवाया था. वॉन्टेड क्रिमिनल पर नजर रखने के लिए डिटेल विश्व स्तर पर सभी एजेंसियों को भेजा भी गया था.28 जनवरी 2025 को बैंकॉक की यात्रा करने वाले सुंदरम को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर एंट्री से रोक दिया गया. साथ उसे बैंकॉक से भारत भेज दिया गया. सुंदरम 29 जनवरी 2025 को बैंकॉक से कोलकाता एयरपोर्ट पर लैंड किया. इंडिया पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उसे तमिलनाडु पुलिस टीम को सौंप दिया गया.
धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक अन्य मामले में इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस वॉन्टेड वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. सीबीआई ने वीरेंद्रभाई के खिलाफ नोटिस जारी करवाया था. फ्रॉड के एक मामले में गुजरात पुलिस के अनुरोध पर आरोपी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. गुजरात पुलिस ने साल 2002 में आपराधिक साजिश, दस्तावेजों की जालसाजी, जाली दस्तावेज़ का उपयोग, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के मामलों में केस दर्ज किया गया था. वीरेंद्रभाई पटेल पर 77 करोड़ रुपये का घपला करने का आरोप है.