2 सप्‍ताह, 37 ट्रांजेक्‍शन और 12.5 करोड़ साफ, इस साइबर फ्रॉड ने तो बैंक को ही कटघरे में खड़ा कर दिया

एक बड़े साइबर फ्रॉड के सिलसिले में बेंगलुरु पुलिस ने गुजरात से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर क्रेडिट कार्ड भुगतान प्लेटफॉर्म CRED के खाते से ₹12.5 करोड़ धोखाधड़ी से निकालने का आरोप है. इस साइबर फ्रॉड में एक्सिस बैंक का एक मैनेजर भी शामिल है. एक कंपनी के जाली दस्‍तावेजों के सहारे इस पूरे फ्रॉड को अंजाम दिया गया. अब यह फ्रॉड सामने आने के बाद एक्सिस बैंक भी सवालों के घेरे में है, क्‍योंकि बैंक ने जाली दस्‍तावेजों के आधार पर ही एक अकाउंट के महत्‍वपूर्ण क्रेडेंशियल बदल कर साइबर अपराधियों को थमा दिए थे.

इस धोखाधड़ी का मास्‍टरमाइंड वैभव पिटाडिया है जो गुजरात में एक्सिस बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर है. वैभव ने CRED के कॉर्पोरेट खाते में कमजोरियों का फायदा उठाया. कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर तथा फर्जी दस्‍तावेजों के शहरे उसने दो ही हफ्तों में क्रेड के खातों से 12.5 करोड़ रुपये पार कर दिए. क्रेड खाते से पैसे दूसरे खातों में ट्रांसफर करने के लिए 37 ट्रांजेक्‍शन किए गए. क्रेड ने जब अपने खातों में राशि का मिलान किया, तब इस धोखाधड़ी का पता चला.

ऐसे दिया अंजाम
जांचकर्ताओं ने बताया कि वैभव ने CRED के नोडल खाते से जुड़े दो निष्क्रिय कॉर्पोरेट खातों की पहचान की. यह खाते ड्रीम प्लगपे टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से थे. पिटाडिया को इन खातों को पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया की जानकारी थी. इसी का फायदा उसने उठाया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी जान-पहचान वाली नेहा बेन को अपने साथ मिलाया. उसे CRED के प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में प्रस्तुत किया. जाली दस्तावेजों, जैसे बोर्ड प्रस्तावों का उपयोग करते हुए नेहा ने खुद को कंपनी का एमडी बताते हुए खाता परिवर्तन का अनुरोध किया.

गुजरात के अंकलेश्वर शाखा में एक्सिस बैंक को नकली कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग (CIB) फॉर्म और अन्य दस्तावेज जमा किए. इसी के सहारे उपयोगकर्ता खाता बनाया गया, जिसमें अपडेटेड संपर्क विवरण शामिल थे. नए क्रेडेंशियल्स के सहारे वैभव और नेहा ने कई अनधिकृत लेन-देन किए. चुराए गए धन को स्थानांतरित करने के लिए पिटाडिया ने शैलेश और शुभम नाम के दो सहयोगियों को अपने साथ शामिल किया, जिन्होंने नकली दस्तावेज बनाए और धन हस्तांतरण के लिए म्यूल खाते खोले.

नियमित जांच के दौरान उजागर हुआ फ्रॉड
यह धोखाधड़ी 13 नवंबर को CRED के नियमित बैंक खाता मिलान के दौरान सामने आई. फिनटेक कंपनी ने ₹12.5 करोड़ की विसंगतियां पाईं और तुरंत एक्सिस बैंक को सूचित किया. जांच में पता चला कि 29 अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच अनधिकृत लेन-देन किए गए थे.

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