डिजिटल भारत नहीं चाहिए आवश्यताएं की आपूर्ति जरुरी है बजट को लेकर जनता की राय

फरवरी महीने में भारत का बजट पेश होना है, और इस दौरान लोगों के मन में उम्मीदें होती हैं कि इस बार के बजट में घरेलू सामान के साथ-साथ डीजल और पेट्रोल की कीमतें कम हो, ताकि अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आए. दरअसल, ट्रांसपोर्ट चार्ज इन दोनों ईंधन की कीमतों पर निर्भर करता है, जिससे विभिन्न सामान की कीमतों में वृद्धि होती है.

इस विषय पर लोकल 18 ने समस्तीपुर जिले के करीब आधा दर्जन ऑटो चालकों से बातचीत की और उनके सुझाव जानने की कोशिश की. जिस में कुछ ऑटो चालक डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी के साथ-साथ बिहार में बिजली बिल को माफ करने की भी मांग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ अन्य लोग घरेलू सामग्री की कीमतों में कमी की उम्मीद जता रहे हैं.

इस चीजों के दाम होना चाहिए कम
समस्तीपुर के सड़कों पर ऑटो चला रहे रविकांत सिंह ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी के साथ-साथ घरेलू सामग्री की कीमतों में भी कमी हो, ताकि उनके जैसे लोग अच्छे से जीवन जी सकें और उनकी जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े. ईश्वर राम ने बताया कि सरकार को बिजली बिल माफ करना चाहिए और डीजल-पेट्रोल की कीमतें घटानी चाहिए, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके. उन्होंने यह भी बताया कि वे हर दिन सड़कों पर ऑटो चलाते हैं, लेकिन उन्हें 400-500 रुपये प्रतिदिन कमाने में मुश्किल होती है. राजेश कुमार सिंह  ने भी डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी और हर सामान की कीमत में गिरावट की उम्मीद जताई. सुरेश दास ने कहा कि गेहूं, चावल और सब्जियों की कीमत सस्ती होनी चाहिए, ताकि उनके परिवार का खर्च अच्छे से चल सके. रत्नेश कुमार राय ने बताया कि राशन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और उनकी कीमतों में कमी होनी चाहिए. उन्होंने नई ऑटो की कीमतों में भी कमी की मांग की, ताकि वे पुराना ऑटो बदलकर नया खरीद सकें.

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