DDA तोड़कर दोबारा बनाएगा 336 फ्लैट, तब हर महीने देगा 50 हजार रुपये किराया, किस सोसायटी को मिली सुविधा

दिल्‍ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने मुखर्जी नगर इलाके में साल 2010 में 336 फ्लैट बनाकर बेचे थे. मकान खरीदारों को पजेशन मिलने के महज 2 साल बाद ही अपार्टमेंट का प्‍लास्‍टर उखड़ने लगा और 2.83 हेक्‍टेअर में बने इस हाईराइज ‘सिग्‍नेचर व्‍यू अपार्टमेंट’ में रहने वालों ने इसकी शिकायत की. तमाम विवादों के बाद मामला हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंचा और कोर्ट ने घटिया निर्माण के लिए न सिर्फ डीडीए को तगड़ी फटकार लगाई, बल्कि उसे फ्लैट तोड़कर दोबारा बनाने का आदेश दिया.

दिल्‍ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब डीडीए को इस सोसाइटी के 224 एचआईजी और 112 एमआईजी फ्लैट का दोबारा निर्माण करना होगा. जस्टिस मिनी पुष्‍करणा ने अपने आदेश में कहा, ‘डीडीए की यह गलती माफ करने लायक नहीं है. उसने सैकड़ों लोगों की जान को जोखिम में डाला.’ कोर्ट ने कहा कि डीडीए को वहां पर दोबारा फ्लैट बनाना होगा, जिसके लिए वहां रहने वालों को जल्‍द अपना फ्लैट खाली करना होगा.

3 महीने में खाली करें फ्लैट
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सिग्‍नेचर व्‍यू अपार्टमेंट में रहने वालों को 3 महीने के भीतर अपना फ्लैट खाली करना होगा, ताकि उसे तोड़कर दोबारा निर्माण किया जा सके. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि नया फ्लैट बनने और उसका पजेशन मिलने तक डीडीए सभी मकान मालिकों को किराये पर रहने के लिए पैसे देगा. एचआईजी फ्लैट में रहने वालों को डीडीए हर महीने 50 हजार रुपये किराया देगा तो एमआईजी फ्लैट के मालिकों को 38 हजार रुपये महीने मिलेंगे. इसमें हर साल 10 फीसदी का इजाफा भी किया जाएगा.

मकान मालिकों को और भी फायदे मिलेंगे
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपार्टमेंट में रहने वालों को उसके कॉमन एरिया और सुविधाओं का इस्‍तेमाल करने का अधिकार है. निर्माण के बाद बढ़े हुए फ्लोर एरिया रेशियो का फायदा भी मकान मालिकों को ही मिलेगा. कोर्ट का कहना है क‍ि डीडीए का काम दिल्‍ली का विकास करना है, जबकि डीडीए इस काम को करने में नाकाम रहा है.

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