विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन की तैयारी कर रहे एनएसयूआई प्रदेश सचिव राजेश को पुलिस ने हिरासत में लिया
ज्ञापन सौंपने के दौरान एनएसयूआई के कई प्रमुख छात्र नेता उपस्थित थे, जिनमें पुष्पराज साहू, प्रदीप सिंह, करन यादव, विन्नी विश्वकर्मा, यशोदा वारे, गौरव ठाकुर, गोल्डन गुप्ता, मिट सोनवानी, सौरव मिश्रा, वेद सिंह, सागर, अमित कुमार, अंशु, प्रकाश, राहुल, शुभम सहित अन्य छात्र नेता शामिल थे।
HIGHLIGHTS
- रंजेश सिंह को शुक्रवार सुबह पुलिस ने उनके घर से हिरासत में ले लिया।
- मोपका चौकी में करीब छह घंटे तक रखा गया और दोपहर 3:30 बजे छोड़ा।
- रंजेश सिंह सचिव उच्च शिक्षा विभाग, प्रसन्ना आर से मुलाकात कर चर्चा करना चाहते थे।
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन की तैयारी कर रहे एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह को शुक्रवार सुबह पुलिस ने उनके घर से हिरासत में ले लिया। उन्हें मोपका चौकी में करीब छह घंटे तक रखा गया और दोपहर 3:30 बजे छोड़ा गया।
रंजेश सिंह सचिव उच्च शिक्षा विभाग, प्रसन्ना आर से मुलाकात कर विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति न होने के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सचिव से मिलने नहीं दिया जाता तो वे शांतिपूर्ण तरीके से काले झंडे दिखाकर विरोध करते। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद रंजेश सिंह और उनके साथियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
एसडीएम पीयूष तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। अटल विवि में चल रही अनियमितताओं और कुलसचिव के स्थाई पद पर नियुक्ति न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
सेवा सहकारी समिति मस्तूरी के प्रबंधक मनोज रात्रे को कार्य में लापरवाही करना महंगा पड़ा। धान खरीदी के महत्वपूर्ण कार्य में अनियमितता और समय पर उपस्थित न होने के कारण उपपंजीयक सहकारिता मंजू पांडेय ने उन्हें पद से हटाने का आदेश जारी किया। शुक्रवार 28 किसानों को टोकन लेने में परेशानी होने की वजह से यह कार्रवाई की गई है।
मस्तूरी सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक मनोज रात्रे शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे तक खरीदी केंद्र नहीं पहुंचे थे। इस पर डाटा आपरेटर विश्वजीत राय कम्प्यूटर में साफ्टवेयर की साइट चालू करने के लिए मनोज रात्रे को फोन कर ओटीपी की मांग की। इस पर मनोज रात्रे ने ओटीपी देने से मना कर दिया व फोन को काट दिया।
विश्वजीत के तीन से चार बार फोन करने के बाद भी समिति प्रबंधक ने फोन का जवाब नहीं दिया। इसके चलते मस्तूरी सेवा सहकारी समिति में धान खरीदी कार्य घंटों बाधित रहा। 28 किसानों ने इसकी शिकायत समिति के अध्यक्ष मानिक लाल पात्रे से की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए किसानों के हस्ताक्षर वाली शिकायत अध्यक्ष ने उप पंजीयक मंजू पांडेय को कर दी। घटना का पता चलते ही उपपंजीयक मंजू पांडेय ने तत्काल प्रभाव से सेवा सहकारी समिति मस्तूरी के प्रबंधक मनोज रात्रे को हटाने का आदेश दे जारी कर दिया।
दर्ज नहीं हो पाया कम्प्यूटर में
सेवा सहकारी समिति मस्तूरी के प्रबंधक मनोज रात्रे की लापरवाही के चलते शुक्रवार को जिन 28 किसानों का टोकन काटा गया था, उन किसानों के लिए 1214.40 क्विंटल धान को समिति के दिए बारदाने में पलटा तो गया लेकिन उस धान का रिकार्ड कम्प्यूटर में नहीं चढाया जा सका।