आयुर्वेद में 5 ऐसी जड़ी बूटियां, तुरंत कम करती हैं ब्लड प्रेशर
17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे है। इस मौके पर वेदास क्योर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और आयुर्वेद डॉक्टर विकास चावला आपको हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और इसके दुष्प्रभाव से बचने के कुछ आसान आयुर्वेदिक तरीके बता रहे हैं।
उच्च रक्तचाप उपयोगी है अर्जुन
अर्जुन के पेड़ से मिलने वाली छाल में भी बहुत से औषधि गुण हैं इससे कई बीमारीयों का इलाज किया जाता है। यह उच्च रक्तचाप को तो कम करता ही है साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। यह कफ दोष को संतुलित करता है। इसकी चाय बनाकर नियमित रूप से सेवन की जाए तो हाइपरटेंशन से राहत मिलती है। अर्जुन छाल के 3-6 ग्राम पाउडर को लगभग 100 एमएल पानी के साथ लिया जा सकता है।
चुकंदर से दूर करें हाइपरटेंशन
चुकंदर में भी उपयोगी मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जैसे नाइट्रेट, पोटेशियम, फाइटोकेमिकल, और मैग्नीशियम ।चुकंदर के सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता हैं। इसमें पाए जाने वाला नाइट्रेट हमारे शरीर में जाकर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है जो रक्त वाहिकाओं और कोशिकाओं के संचार को बेहतर करने में मदद करता है। चुकंदर को रोजाना के भोजन में सलाद के रूप में शामिल कर सकते हैं या इसका जूस निकालकर सेवन कर सकते हैं।
त्रिफला
आयुर्वेद में त्रिफला शरीर का कायाकल्प करने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है। यह तीन औषधियों हरड़, आवला और बहेड़ा का संयोजन है। यह रक्त परिसंचरण में सुधार कर रक्त वाहिकाओं पर पड़ने वाले दबाव को कम कर देता है। रात्रि भोजन के 2 घंटे बाद एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेना लाभकारी होता है। रक्तचाप को नियंत्रित करने के अलावा ये पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है।
अश्वगंधा का सेवन
उच्च रक्तचाप के कई कारण हैं इसमें एक प्रमुख कारण तनाव भी है। इसमें तनाव को दूर करने वाले औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। आयुर्वेद चिकित्सक के सलाह पर रोजाना एक चम्मच अश्वगंधा दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। दूध के अलावा अश्वगंधा पाउडर को आप गुनगुने गर्म पानी में एक चम्मच मिलाकर सेवन कर सकते हैं, इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
नींबू करे हाइपरटेंशन दूर
उच्च रक्तचाप को दूर रखने में कारगर है नींबू। इसमें भी विशेष गुण पाये जाते हैं जो रक्त वाहिकाओं को लचीला और कोमल बनाए रखने में मदद करता है। नींबू के रस से ट्राईग्लिसेराइड लेवल कम होता है इसलिए इसका उपयोग करना उच्च रक्तचाव वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है। एक गीलास पानी में आधा नींबू नीचोड़कर तीन-तीन घंटे में सेवन करने से रक्तचाप संतुलित रहता है। इसके रस का सेवन चाय या गर्म पानी में मिलाकर करना भी उच्च रक्तचाप में लाभकारी है।
दालचीनी का उपयोग
दालचीनी हमारे देश में मसालों का एक अहम हिस्सा है और ये हर रसोई में उपलब्ध है। हम इसका उपयोग अकसर व्यंजनों में करते रहते हैं। यह एक चमत्कारी हर्ब है इसमें विटामिन और खनिज लवण (मिनरल) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें पोटेशियम, जिंक, थायमिन, राइबोफ्लेविन कैल्शियम, फाइबर, आयरन के साथ-साथ एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी पाए जाते हैं। उच्च रक्तचाप से उपचार के लिए आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा सुझाई गई मात्रा के अनुसार इसको रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका पानी पी लें। इसके अलावा शाम को इसको पानी में उबालें और सेवन करें। आधा चम्मच दालचीनी को भोजन या सब्जी में मिलाकर भी ले सकते हैं।