Jagadguru Kripalu Ji Pravachan: कृपालुजी महाराज ने बताया था, ‘अच्छी मृत्यु चाहिए, तो क्या करना होगा‘

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज का जन्म 5 अक्टूबर 1922 को मनगढ़ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने 22 साल की उम्र में सांसारिक संपत्ति को त्याग दिया और एक संन्यासी का जीवन अपना लिया। इसके बाद उन्हें कृपालु जी महाराज के रूप में पहचान मिली। 15 नवंबर 2013 को 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।

HIGHLIGHTS

  1. वृंदावन में प्रेम मंदिर कृपालु महाराज ने ही बनवाया था
  2. आज भी देश-दुनिया में कृपालु जी के करोड़ों अनुयायी हैं
  3. मंदिरों और ट्रस्ट के माध्यम से धर्मार्थ कार्य किए जाते हैं

धर्म डेस्क, इंदौर। कृपालु जी महाराज के भक्त दुनियाभर में हैं। कृपालु जी भले ही आज इस दुनिया में न हो, लेकिन उनके प्रवचन आज भी भक्तों को राह दिखाते हैं। ऐसे ही एक प्रवचन में कृपालु जी महाराज ने बताया कि किस तरह की जीवन जीने से अच्छी मृत्यु प्राप्त होती है।

कृपालु जी महाराज ने प्रवचन में कहा था कि मृत्यु के समय इंसान की सोच और मन:स्थिति जैसी होती है, अगला जन्म भी वैसा ही मिलता है। इसलिए अंत समय में भगवान का नाम लेना जरूरी है, लेकिन अंत समय कब आएगा, यह किसी को नहीं पता।

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मानव के रूप में जन्म लिया, इसका मूल्य समझा जाए

कृपालु जी महाराज ने कहा कि कितनी ही योनियां पार करने के बाद मनुष्य शरीर मिलता है। इसका महत्व समझा जाना चाहिए। यहां तक कि समस्त देवता भी मनुष्य देह की इच्छा रखते हैं।

मनुष्य के पास समझ है, बुद्धि है, भला-बुरा पता है। यही उसे अन्य जीवों में श्रेष्ठ बनाता है। आज स्थिति यह है कि मनुष्य समझता सबकुछ है, लेकिन करता नहीं है। जीवन के अंतिम समय में भगवान का नाम लेने से उद्धाव होगा, यह सभी पता है, लेकिन करते कितने ही लोग हैं।

कृपालु जी महाराज के अनुसार, मृत्यु किसी भी क्षण आ सकती है। इसलिए ईश्वर भक्ति में मन लगाने में देरी नहीं करना चाहिए।

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यह कोई परीक्षा का टाइम टेबल नहीं है

  • यह कोई परीक्षा का टाइम टेबल नहीं है, जहां छात्र को पता होता है कि किस दिन उसका किस विषय का प्रश्नपत्र है। बकौल कृपालु जी महाराज, वास्तविक जीवन में स्थिति यह है कि मार्च में परीक्षा होना है, तो हम सोचते हैं कि अभी तो नवंबर चल रहा है।
  • जब दिसंबर आ जाएगा तो सोचेंगे कि अभी तो बहुत समय है। इसी तरह जनवरी और फरवरी भी बीत जाएंगे। मार्च में परीक्षा है तो आठ दिन पहले अहसास होगा कि अरे… परीक्षा तो बहुत करीब आ गई। तब पढ़ाई करने बैठते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
  • कृपालु जी महाराज कहते हैं कि यही हाल इनसान का है। जब भगवान का नाम लेने की बारी आती है तो कहता है कि अभी समय है, बाद में कर लेंगे। लेकिन मृत्यु कब आ धमके, कहा नहीं जा सकता। इसलिए हर रोज ईश्वर की भक्ति करना चाहिए।

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(वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर जिसे कृपालु जी महाराज ने बनवाया था।)

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