अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत; दिल्ली के शाहीनबाग में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा एमसीडी का बुलडोजर
नई दिल्ली : दिल्ली के शाहीनबाग इलाके में आज सोमवार को भी अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत नगर निगम (एमसीडी) का बुलडोजर एक बार फिर चलेगा. बताया जा रहा है कि आज सुबह 11 बजे से शाहीनबाग इलाके से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि डेढ़ से दो किलोमीटर के क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा. हालांकि, इससे पहले कहा यह गया था कि दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया नहीं कराए जाने की वजह से एमसीडी का बुलडोजर नहीं चलेगा. सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया कराए जाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही, एमसीडी का अतिक्रमण हटाने को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. एमसीडी की इस कार्रवाई का विरोध शुरू हो गई है. टीवी रिपोर्ट में दिखाया जा रहा है कि स्थानीय पार्षद समेत लोकल नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया है. स्थानीय नेता और निवासियों ने एमसीडी के खिलाफ नारेबाजारी भी शुरू कर दी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह अतिक्रमण हटाया नहीं जा रहा है, बल्कि बुलडोजर से डराया जा रहा है. उनका कहना है कि हम अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं हैं.
शाहीनबाग इलाके में एमसीडी द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों ने बुलडोजर को सड़क पर ही रोक दिया गया है. पर्याप्त सुरक्षा बल मौके पर मौजूद है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शाहीनबाग इलाके में अतिक्रमण हटाओ मुहिम चलाने के लिए सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जाहिर की है. इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा नहीं मुहैया कराए जाने की वजह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर आठ मई तक रोक लगा दी गई थी. संभावना यह जाहिर की जा रही है कि पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया कराए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
टीवी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस के जवान और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टीम मौके पर पहुंच गई है. सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवान बुलडोजर के सामने से महिलाओं और स्थानीय निवासियों को हटाना शुरू कर दिया है. एमसीडी की कार्रवाई के विरोध में स्थानीय निवासी बुलडोजर के सामने खड़े हो गए हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे किसी भी तरीके से बुलडोजर नहीं चलने देंगे. उनका कहना है कि एमसीडी केवल मुस्लिम एरिया को टार्गेट कर रहे हैं. अतिक्रमण हटाने से पहले किसी को नोटिस नहीं दिया गया है.
इलाके के निगम पार्षद वाजिद खान ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर पर आरोप लगाया है कि महापौर का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और उन्होंने दुर्भावनापूर्ण तरीके से इस कार्रवाई की इजाजत दी है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि शाहीन बाग का थाना और भाजपा का कार्यालय भी अवैध तरीके से बनाया गया है.
इससे पहले एसडीएमसी सेंट्रल जोन स्थायी समिति के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने मीडिया से कहा था कि अगर हमें फोर्स मिलेगी तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. हमारी पूरी टीम तैयार है और अन्य सभी चीजों की भी व्यवस्था हो गई है. जहां पर अतिक्रमण होगा उसे हटाएंगे चाहे कोई भी इलाका हो. वहां के 50-60 फीसदी लोगों ने खुद अतिक्रमण को हटा लिया है.
पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराने से किया था इनकार
सूत्रों की ओर से दी जा रही जानकारी के अनुसार, इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शाहीनबाग इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने कहा था कि दक्षिण-पूर्वी जिले में पुलिस की ओर से कई अन्य संवेदनशील कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जवानों को उसी के लिए तैनात किया गया है. शाहीनबाग भी दक्षिण-पूर्वी जिले के अंतर्गत आता है. पुलिस ने एमसीडी से कहा था कि अतिक्रमण हटाने के लिए जवानों की तैनाती नहीं की जा सकती.
एमसीडी ने तैयार कर रखा है रोस्टर
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसएमसीडी) ने क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए एक पूरा रोस्टर तैयार कर रखा है. एमसीडी के इस रोस्टर में यह तय किया गया है कि किस डेट को कब अतिक्रमण हटाना है. पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के लिए जवानों की तैनाती के बाद एमसीडी के अतिक्रमण हटाओ अभियान पर चलाया जाएगा. एमसीडी के रोस्टर के हिसाब से इलाके में अब तक केवल एक दिन ही अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कार्रवाई की गई थी.
एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में हुआ था धरना-प्रदर्शन
बताते चलें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के तहत जहांगीरपुरी में रामनवमी के दिन शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद मस्जिद और मंदिर के सामने से अतिक्रमण हटाया गया था. इसके बाद से दिल्ली के अन्य इलाकों में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान में तेजी आ गई है. एमसीडी की ओर से जहांगीरपुरी के बाद शाहीनबाग इलाके में अतिक्रमण हटाने कार्यक्रम तय किया गया था. एनआरसी के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान देश में कोरोना महामारी शुरू होने से पहले शाहीनबाग में कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया गया था.