यात्री ट्रेनों का केंसल होने का असल कारण केंद्र सरकार का मिसमैनेजमेंट है-उत्तम जायसवाल प्रदेश सचिव आप
भाजपा और कांग्रेस अलग- अलग मुद्दो पर परेशान आम जन को सिर्फ गुमराह कर रही है - उत्तम जायसवाल प्रदेश सचिव,आप
आम आदमी पार्टी ने चिंता व्यक्त करते हुवे कहा कि यात्री ट्रेनों के रद्द होने से हजारों लोग परेशान है जो नियमित रूप से ट्रेनों में यात्रा करते है वे भी और जो अन्य पारिवारिक कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान अपने गतंव्य तक जाना चाहते है।
उत्तम जायसवाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार थर्मल पावर प्लांट में कोल संकट बता कर सैकड़ो ट्रेने रद्द कर दी है और लोगो को परेशान कर रही है जबकि यह पूरी तरह सच नही है देश मे कोयला संकट है ही नही ये सरकार और पावर प्लांट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी कोल स्टोरेज करने की। इसके बाउजूद उन्होंने यह तैयारी नही की, गर्मी का मौसम तो हर साल अपना असर दिखाता ही है,कभी कम तो कभी ज्यादा लेकिन सरकार में बैठे नीति निर्माताओं की तो जिम्मेदारी ही यही होती है कि वे हर खतरे से निपटने का आपातकालीन प्लान पहले से ही तैयार रखें,ताकि एन वक़्त पर लोगों को तकलीफ़ झेलने पर मजबूर न होना पड़े ।
कोल इंडिया खुद कह रहा है कि लगभग 17.5 लाख टन कोयले की आपूर्ति रोज की जा रही है। यह पूरी तरह से मिस मैनेजमेंट या गैर जिम्मेदाराना इसलिए है कि बिजली कंपनियों ने स्टॉकिंग नहीं की। अप्रैल मई महीने में हर साल गर्मी भीषण होती है यह जानते हुए स्टॉकिंग नहीं की गई और यही सबसे बड़ी दिक्कत है।
अब सवाल उठता है कि स्टॉकिंग क्यों नहीं की गई? स्टॉकिंग इसलिए नहीं की गई क्योंकि कोल इंडिया कहता है कि पूरे देश की सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों पर 21 हजार 900 करोड़ रुपए का उसका बकाया है। इस बकाए कि वजह से कोल इंडिया ने इन बिजली कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर कोयला नहीं दिया।कोल इंडिया की प्राथमिकता यह है कि जिन्होंने एडवांस में भुगतान किया है उनको सबसे पहले कोयला दिया जाएगा। दूसरे नंबर पर जिनका कोई भुगतान बाकी नहीं है उनको कोयला दिया जाएगा और तीसरी प्राथमिकता पर वह आते हैं जिनका बकाया है। अब क्योंकि भुगतान बकाया है इसलिए कोल इंडिया से कोयला नहीं मिल पाया और स्टॉक नहीं हो पाया ये मिसमैनेजमेंट है यह प्रदेश और केंद्र सरकार की घोर लापरवाही है ।
प्राइवेट कंपनियों का अपने बिजली घरों को बंद करना गैर कानूनी है, वो बंद नहीं कर सकते। यह कार्यवाही केंद्रीय विद्युत मंत्रालय को करना चाहिए लेकिन सरकार ऐसा कुछ नही कर रही है आपको बता दे गुजरात का मुंदड़ा थर्मल पॉवर का हब है। वहां 4 हजार मेगावाट का टाटा का बिजली घर है और 4 हजार मेगावाट का अडानी का बिजली का घर है। यह दोनों ही बिजली घर ठप हैं, इंपोर्टेड कोयले के दाम बढ़ गए हैं यह कहकर ये पवार प्लांट बंद कर रखे है एक आंकड़े के अनुसार देश में लगभग 50 हजार मेगावाट के ताप बिजली घर बंद हैं। इन 50 हजार मेगावाट के ताप बिजली घरों में से लगभग 20 हजार मेगावाट के वो ताप बिजली घर हैं जो इंपोर्टेड कोयले का इस्तेमाल करते हैं। इनको चलना चाहिए था, फिर भी वो बंद किए हुए हैं और इस संकट को बढ़ा रहे हैं। जब इन कंपनियों ने बिडिंग किया था तो करार में इस बात का उल्लेख था कि वो 25 साल तक बिजली की आपूर्ति करेंगे। इसमें कोयले की कीमतें समायोजित होंगी। ऐसे में बिजली घरों को बंद करके वो करार का उल्लंघन कर रहे हैं और इस पर केंद्र सरकार को हिदायत देना चाहिए व इन पवार प्लांटों को शुरू करवाना चाहिए जबकि वे ट्रेनों को रद्द कर कोल संकट का बहाना बनाकर और ट्रेन परिचालन का रखरखाव का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है और हजारों लाखों यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।
अंत में उन्होंने कहा की प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी दिखावा कर चुप बैठ गई है और अलग अलग तरह के दिखावा कार्यक्रम कर जन मानस को सिर्फ गुमराह कर रही है। वही राज्य की भाजपा भी केंद्र की सरकार पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बना पा रही है और इस जन परेशानी को दिखावा कर हाथ झटक चुकी है। आम आदमी पार्टी अब चुप नहीं बैठेगी और पूरे प्रदेश में 40 ट्रेन और पूरे देश में लगभग 670 ट्रेनें जो रद्द की गई है उसके लिए सरकार पर दबाव बनाएगी।