क्यूएस एशिया रैकिंग में सीयू ने हासिल की 263वां स्थान, छग का बढ़ाया मान
क्यूएस एक ब्रिटिश कंपनी है जो विश्व के उच्च शिक्षा संस्थानों का विश्लेषण करती है और उनकी रैंकिंग जारी करती है। यह रैंकिंग हर साल जारी की जाती है। इस रैंकिंग में विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता और प्रदर्शन का आकलन उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षक छात्र अनुपात, नवाचार, पेटेंट, अनुसंधान एवं अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क पर आधारित होता है।
HIGHLIGHTS
- पहली बार वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में मिली जगह।
- शोध, उद्योगों संबंध व अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क अच्छा।
- विश्वविद्यालय के साथ प्रदेश के लिए भी गौरव की बात।
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय को एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हाासिल हुई है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पहली बार स्थान मिला है। दक्षिण एशिया नवप्रवेशी वर्ग में 263वां स्थान से प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय के साथ प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है। शोध की गणुवत्ता, उद्योगों के साथ संबंध, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, शोध एवं शैक्षणिक वातावरण विषयों में शानदार प्रदर्शन के आधार पर चुनाव किया गया है।
नैक द्वारा ए डबल ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय ने विश्व की प्रतिष्ठित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग एशिया में 801-850 के बैंड में शामिल होकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। वहीं एशिया 2025 दक्षिण एशिया नवप्रवेशी वर्ग में 263वां स्थान प्राप्त किया है। विश्व के 19 लाख शिक्षाविदों के अकादमिक रिकार्ड का मूल्यांकन कर यह सूची जारी किया गया है। 17.6 करोड़ साइटेशन एवं 1.74 करोड़ शोध प्रकाशन का विश्लेषण कर रैकिंग का निर्धारण किया गया।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया गया कि शोध की गणुवत्ता, उद्योगों के साथ संबंध, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, शोध एवं शैक्षणिक वातावरण विषयों के आधार पर रैंकिंग दी गई है।
कुलपति के दूरदर्शी नेतृत्व का लाभ
कुलपति प्रो.आलोक कुमार चक्रवाल के समृद्ध, सशक्त, दूरदर्शी एवं लोकप्रिय नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में तीन वर्षों में किए गए निरंतर सकारात्मक प्रयासों के चलते पहली बार स्थान मिला है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग के माध्यम से गुरु घासीदास विवि को नई पहचान दिलाने का संकल्प पूरा हुआ। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एमओयू, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के रोजगार उन्मुखी होने के साथ ही विद्यार्थियों के कौशल एवं उद्यमिता विकास पर बल दिया गया।