Deolali Assembly Seat: बहन ने भाई के खिलाफ भरा पर्चा, पिता ने बेटी को दिया नोटिस… रोचक है महाराष्ट्र की देवलाली सीट का समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कई रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में एक है नासिक की देवलाली विधानसभा सीट। यहां बबनराव घोलप का दबदबा है। वे शुरू से शिवसेना में रहे, फिर एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए और अभी उद्धव ठाकरे गुट में हैं। यहां बबनराव के बेटे और बेटी के बीच मुकाबला है।
HIGHLIGHTS
- देवलाली सीट पर एनसीपी (अजित पवार) ने उतारा है प्रत्याशी
- उद्धव ठाकरे गुट ने बबनराव के बेटे योगेश को दिया है टिकट
- बेटी तनुजा भाजपा में, पांच साल के कर रही टिकट का प्रयास
एजेंसी, नासिक (Maharashtra Assembly Election 2024)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कई रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही सियासी संग्राम नासिक जिले की देवलाली विधानसभा सीट (Deolali Assembly Election 2024) पर चल रहा है।
इस सीट पर शिवसेना यूबीटी ने योगेश घोलप को टिकट दिया है। योगेश पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र के दिग्गज नेता बबनराव घोलप के बेटे हैं। इस बीच, योगेश की बहन तनुजा ने भी नामांकन दाखिल कर दिया।
अब चुनाव मैदान में शिवसेना यूबीटी की ओर से योगेश घोलप, एनसीपी (अजित पवार) की ओर से मौजूदा विधायक सरोज और निर्दलीय के रूप में तनुजा घोलप मैदान में हैं।
(निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करतीं तनुजा घोलप)
बेटी पर भड़के पिता, बोले- मेरा नाम इस्तेमाल मत करना
- बबनराव घोलप का इस क्षेत्र में दबदबा है। देवलाली अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है। बबनराव ने 1990 से 2009 तक शिवसेना के टिकट पर पांच विधानसभा चुनाव जीते हैं।
- इसके बाद बेटे की एंट्री हुई और योगेश ने 2014 में जीत हासिल की। हालांकि 2019 में उन्हें अविभाजित एनसीपी के सरोज से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद परिवार का सियासी समीकरण तेजी से बदला।
- 2024 के लोकसभा चुनाव में बबनराव शिर्डी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उद्धव ठाकरे ने इनकार कर दिया। नाराज बबनराव ने एकनाथ शिंदे का दामन थाम लिया। इस बीच, उद्धव ने योगेश को विधानसभा का टिकट थमा दिया।
- मजबूरन बबनराव को एक बार फिर पाला पलटना पड़ा। वे शिवसेना (UBT) में आ गए। इस बीच, उनकी बेटी तनुजा भाजपा से टिकट मांग रही थी। जब गठबंधन के तहत सीट एनसीपी (अजित पवार) को गई, तो उनका पत्ता कट गया।
…और बेटी ने खेला दांव
इसके बाद तनुजा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और खुद को ‘तनुजा बबनराव घोलप’ बताते हुए पर्चा भर दिया। अब बबनराव ने नोटिस भेजकर कहा है कि तनुजा अपने पति के नाम का इस्तेमाल करे, पिता के नाम का नहीं।
आज नाम वापसी का आखिरी दिन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन है। सभी पार्टियां अपने-अपने बागियों को मनाने में जुटी हैं। देखना यही है कि तनुजा अपना नाम वापस लेती हैं या नहीं।