छत्‍तीसगढ़ के कपिल ने किया कमाल, पुरानी बाइक को इलेक्ट्रिक में बदला… पेट्रोल के खर्च से मिली राहत

पेट्रोल के ऊंची कीमतों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक युवक ने पुरानी बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल लिया। उसे इसमें केवल 37 हजार रुपये का खर्च आया।

HIGHLIGHTS

  1. कपिल ने 2 हजार रुपये में पुरानी बाइक खरीदी थी।
  2. इसमें 35 हजार का सामान लगाकर इलेक्ट्रिक बनााय।
  3. एक बार चार्ज करने पर 45 किमी दूर तक चलती है।

बालोद। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है, और इसी सिद्धांत को साकार करते हुए छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के धनेली गांव के कपिल साहू ने बढ़ते पेट्रोल के दाम और महंगी इलेक्ट्रिक बाइक्स का समाधान ढूंढ निकाला।

पेट्रोल की ऊंची कीमतों और मोटरसाइकिल के बढ़ते खर्चों से परेशान कपिल ने अपनी पुरानी मोटर साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में तब्दील कर दिया। अब वह रोजाना के पेट्रोल खर्च से छुटकारा पा चुके हैं और इस बाइक को बड़ी आसानी से चला रहे हैं। यह बाइक एक बार चार्ज करने पर 45 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।

इलेक्ट्रिक बाइक बनाने की प्रेरणा

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पहले काफी पेट्रोल खर्च करना पड़ता था

इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक कपिल साहू को घर से दुकान तक आने-जाने में काफी पेट्रोल खर्च करना पड़ता था। उनके पास इतनी रकम नहीं थी कि वह मार्केट से एक नई इलेक्ट्रिक बाइक खरीद सकें।

बाइक बनाने की प्रक्रिया को समझा

ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और वहां से इलेक्ट्रिक बाइक बनाने की प्रक्रिया को समझा। इसके बाद उन्होंने 2 हजार रुपए में एक पुरानी मोटर साइकिल खरीदी और 35 हजार रुपए का सामान मंगाकर सिर्फ 37 हजार रुपए में एक इलेक्ट्रिक बाइक बना डाली।

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कम लागत में बड़ी सफलता

जहां बाजार में महंगी इलेक्ट्रिक बाइक्स हजारों से लेकर लाखों तक की कीमत में मिल रही हैं, वहीं कपिल ने अपने सीमित साधनों का उपयोग कर किफायती और कारगर समाधान खोजा। उनकी बनाई इलेक्ट्रिक बाइक न केवल चलाने में आसान है, बल्कि परिवार के लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। कपिल ने इस बाइक का इस्तेमाल न केवल व्यक्तिगत आवागमन के लिए किया, बल्कि अब वह अपने परिवार को भी इसी बाइक पर लेकर घूमते हैं।

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भविष्य की योजनाएं, अब इलेक्ट्रिक कार बनाएंगे

कपिल साहू की यह अनोखी पहल यहीं नहीं रुकने वाली है। अब वह एक इलेक्ट्रिक कार बनाने की सोच रहे हैं, जिसका खर्च लगभग 1 लाख रुपए तक होने की संभावना है। उनके इस जज्बे और इनोवेशन ने दिखा दिया कि सही जानकारी और थोड़ी सी मेहनत से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।

कपिल साहू का यह आविष्कार न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बना रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत का भी एक बेहतरीन उदाहरण है।

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