रमेश बैस की राजनीति में फिर वापसी, रायपुर-दक्षिण उपचुनाव की सरगर्मी के बीच भाजपा के सक्रिय सदस्य बने

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सात बार रायपुर से सांसद रह चुके रमेश बैस ने रायपुर-दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक बार फिर भाजपा की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने भाजपा में वापसी की, जिससे प्रदेश की राजनीति में नए संकेत मिल रहे हैं। बैस ने कहा कि वे पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे और पार्टी की मजबूती के लिए अपना पूरा समय देंगे।

HIGHLIGHTS

  1. रायपुर लोकसभा से सात बार सांसद रह चुके हैं रमेश बैस।
  2. भाजपा को मजबूत करने के लिए मैं पूरा समय दूंगा: बैस।
  3. महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से निवृत्त होकर लौटे छत्तीसगढ़।

रायपुर। रायपुर लोकसभा सीट से सात बार सांसद रह चुके और तीन राज्यों में राज्यपाल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बैस एक बार फिर भाजपा का सक्रिय बन गए हैं। रायपुर-दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव की सरगर्मी के बीच उन्होंने भाजपा की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। राजनीतिक प्रेक्षक बैस का फिर से प्रदेश की सक्रिय राजनीति में प्रवेश को लेकर कई मायने निकाल रहे हैं।

बैस ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता होने के कारण पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा। अगर कोई कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम सक्रिय होकर करता है तो इस पर सक्रिय राजनीति का सवाल नहीं उठना चाहिए है। जो ईमानदारी से काम करता है वही सक्रिय सदस्य है। मैं पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरा समय दूंगा।naidunia_image

उन्हाेंने कहा कि जनसंघ के समय से मैं पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। कुछ वर्षों तक संवैधानिक पद पर पदस्थ होने के कारण मैंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। अब पुन: मुझे सक्रिय सदस्य बनाने के लिए भाजपा संगठन के कुछ कार्यकर्ता मेरे पास आए हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा हर प्रदेश को लक्ष्य दिया जाता है कि सदस्यों की संख्या बढ़ाएं। जब भी संगठन का चुनाव होता है तो पार्टी ज्यादा सदस्य बनाने के लिए काम करती है।

प्रदेश के सारे कार्यकर्ता अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं का फिर से रिन्युअल हो रहा है। प्रदेश में ला एंड आर्डर को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि कोई भी सरकार नहीं चाहती है कि प्रदेश का ला एंड आर्डर खराब हो। अचानक कोई घटना होती है तो सरकार में उसमें क्या करेगी। फिर भी छुटपुट घटना हो रही है तो सरकार इसके नियंत्रण लिए काम कर रही है।naidunia_image

1978 में हुई थी राजनीतिक करियर की शुरुआत

रमेश बैस के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1978 में हुई, जब वह पहली बार रायपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में निर्वाचित हुए। इसके बाद, 1980 में वह अविभाजित मध्यप्रदेश से विधायक चुने गए। 1989 में उन्होंने पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीता।

इसके बाद, बैस ने 1996, 1998, 1999, 2004, 2009, और 2014 तक लगातार सात बार सांसद के रूप में चुनाव जीते। इस दौरान वे विभिन्न केंद्र सरकारों में मंत्री भी रहे। 29 जुलाई 2019 को उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद, उन्होंने झारखंड और महाराष्ट्र में भी राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली। हाल ही में, उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से विदाई ली और अब अपने गृहराज्य छत्तीसगढ़ आ चुके हैं।

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