छत्‍तीसगढ़ में 15 नवंबर से होगी धान खरीदी, जानिए कितना होगा समर्थन मूल्‍य, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने दी जानकारी

खाद्य मंत्री दयाल बघेल ने बताया कि धान की खरीदी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी, जिसमें प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान का भाव निर्धारित किया गया है। सभी धान खरीदी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा, और इसके लिए 30,000 गठान बारदाने की खरीद की जाएगी।

HIGHLIGHTS

  1. वित्तीय वर्ष 2023-24 से 16 लाख मीट्रिक टन ज्यादा होगी खरीदी
  2. किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के भाव से होगी धान खरीदी
  3. छत्‍तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से होगी धान खरीदी

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी करने की तैयारी है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 16 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान खरीदी का अनुमान है। इस वर्ष सरकार करीब 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी में है। खाद्य मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में सोमवार को खरीफ सीजन में वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा हुई।

इस बैठक में मंत्रीमंडलीय उपसमिति ने दीपावली के बाद धान खरीदी का निर्णय लिया है। बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि 3,100 रुपये के भाव से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के भाव से धान खरीदी की जाएगी। सभी धान खरीदी केंद्र में इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीन से ही खरीदी की जाएगी और इसके लिए 30 हजार गठान बारदाने की खरीदी होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में ही इसका अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त रेणु पिल्ले सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में लगभग 37.46 लाख किसान परिवार

प्रदेश में लगभग 37.46 लाख किसान परिवार है। इनमें से 80 प्रतिशत किसान लघु और सीमांत श्रेणी में आते है। वहीं यहां धान, सोयाबीन, उड़द और अरहर मुख्य खरीफ फसलें है। पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकार्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।

इस पर भी हुई चर्चा

बैठक में धान उठाव और कस्टम मिलिंग, केंद्रीय पूल और छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा कराने तथा परिवहन के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव किया जाएगा।

31 मार्च तक अनिवार्य रूप से धान उठाव का निर्णय लिया गया है। धान खरीदी व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट के साथ ही उपार्जन केंद्र आने वाले किसानों के लिए बैठक व पेयजल की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए।

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