समाप्त हुआ इंतजार, तीन साल बाद पर्यटक करेंगे भालुओं का दीदार
प्रतिबंध के बाद जू प्रबंधन ने इनके केज को नए सिरे से बनाने और नाइट सेल्टर भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। एक साल बाद संक्रमण का खतरा तो पूरी तरह टल गया। प्रबंधन भालुओं को फिर से पर्यटकों को दिखाने की स्थिति में पहुंच गया। लेकिन, केज का निर्माण पूरा नहीं होने की वजह से भालुओं को पर्यटकों से दूर ही रखा गया।
HIGHLIGHTS
- संक्रमण और केज के अभाव में पर्यटकों से थे दूर।
- पर्यटक भालुओं की उछलकूद फिर से देख सकेंगे।
- कानन पेंडारी जू प्रबंधन ने इसकी सफाई शुरू कर दी।
बिलासपुर। कानन पेंडारी जू के पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है। तीन साल बाद उन्हें यहां भालू देखने को मिलेगा। अक्टूबर 2021 से जू के सभी नौ भालुओं को संक्रमण की वजह से क्वारंटाइन कर दिया गया था। जब स्थिति सामान्य हुई तब केज का अभाव था। अब संक्रमण समाप्त हो गया है और भालुओं का नया आशियाना भी तैयार हो गया है। इसलिए जू प्रबंधन सोमवार को नए केज में शिफ्ट कर देगा। इस दिन जू का अवकाश रहता है। इसलिए मंगलवार से पर्यटक भालुओं की उछलकूद फिर से देख सकेंगे।
अक्टूबर 2021 में कानन पेंडारी जू के भीतर इंफेक्शियस कैनाइन हेपेटाइटिस (आइसीएच वायरस) संक्रमण की दस्तक हुई। इसने तीन भालुओं की जान ले ली। इन मौतों ने जू प्रबंधन को हिलाकर रख दिया। मृत भालुओं के बिसरा को जांच के लिए लैब भेजा। इसमें वायरस से मौत की पुष्टि हुई। इसकी जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने कानन प्रबंधन को निर्देश देकर सभी भालुओं को अलग-अलग केज में शिफ्ट करने के लिए कहा। साथ ही पर्यटकों के दिखाने पर रोक लगा दी। अब केज का कार्य पूरा हो गया है। जिसका निरीक्षण करने के बाद अब भालुओं को यहां शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार से भालुओं को केज में छोड़ दिया जाएगा और पहले की तरह पर्यटक भालुओं को देख सकेंगे।
नाइट सेल्टर है खास
भालुओं के लिए बनाए नाइट सेल्टर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के मापदंडों के अनुरूप है। सभी केज बड़े और इसकी डिजाइन कुछ इस तरह की गई है कि सूर्य की किरणें आसानी से अंदर तक पहुंचती हैं। भालुओं को इसकी आवश्यकता भी रहती है। पुराने में यह व्यवस्था नहीं थी। सूर्य की रोशनी शरीर पर पड़ने से भालु कई तरह के संक्रमण से दूर रहेंगे।
इलाज के लिए पिंजरे की व्यवस्था
नाइट सेल्टर से जुड़ा हुआ एक पिंजरा भी बनाया गया है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि जब कभी भी भालुओं के इलाज की आवश्यकता पड़े तो इसी पिंजरे पर लाकर उनका उपचार किया जा सके। नवनिर्मित केज से जुड़ा होने के कारण इलाज में ज्यादा दिक्कत नहीं जाएगी।
खुले केज की सफाई
तीन साल से बंद होने के कारण खुला केज, जहां से पर्यटकों को भालू नजर आते हैं, उसमें झाड़ी उग आई हैं। इसके अलावा केज पूरी तरह अव्यवस्थित हो गया है। शनिवार से जू प्रबंधन ने इसकी सफाई शुरू कर दी है। रविवार को भी दिनभर कार्य जारी रहा। इसके अलावा छोटी-छोटी पानी की टंकी है, उसको भी साफ किया गया, ताकि भालुओं को साफ-सुथरा माहौल के अलावा पानी उपलब्ध हो सके।