रायपुर में रची गई झारखंड में शराब घोटाले की साजिश, एफआईआर हुई दर्ज

ईओडब्ल्यू ने दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि नीति में बदलाव कर एक कंपनी को फायदा दिलाने के लिए 11 करोड़ रुपये की सुरक्षा निधि तय की थी। छह महीने में 200 करोड़ का टर्नओवर भी शर्त में था। वहीं शराब के होल-सेल के टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपये नॉन रिफंडेबल राशि तय की गई थी।

HIGHLIGHTS

  1. धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
  2. आरोपितों में उत्पाद विभाग झारखंड के दो अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।
  3. आरोपितों में से कई वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए बड़े घोटाले में जेल में बंद हैं।

रायपुर। झारखंड में कथित शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गई थी। रायपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने अपनी प्राथमिकी में इसका जिक्र किया है। ईओडब्ल्यू ने अपनी प्राथमिकी में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित सात लोगों को आरोपित किया है।

इन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपितों में उत्पाद विभाग झारखंड के दो अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। आरोपितों में से कई वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में जेल में बंद हैं।

अनवर ढेबर के ठिकाने पर हुई बैठक

ईओडब्ल्यू में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति में बदलाव किया गया था। इसकी बैठक रायपुर में अनवर ढेबर के ठिकाने में की गई थी। इस दौरान एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित झारखंड के उत्पाद अधिकारी भी मौजूद थे।

नीति में बदलाव करने के पीछे सुमित कंपनी को फायदा दिलाना बताया गया है। इससे करोड़ों रुपये का सरकार का नुकसान हुआ है। यही कंपनी छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेके का काम कर रही थी।

छत्तीसगढ़ के अधिकारी थे सलाहकार

गौरतलब है कि झारखंड में भी छत्तीसगढ़ मॉडल पर मई 2022 से शराब की बिक्री हो रही थी। इनमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था।

प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्यूरिटी लिमिटेड को शराब की बोतलों में होलोग्राम छापने का काम मिला था। इसी तरह मेसर्स सुमित फैसिलिटीस लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई की जिम्मेदारी मिली थी। तीनों ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपित भी हैं। इनके विरुद्ध जांच के क्रम में झारखंड का कनेक्शन जुड़ा था।

तीनों कंपनियों पर हुई कार्रवाई

झारखंड में इन तीनों ही कंपनियों पर कार्रवाई हो चुकी है। मेसर्स प्रिज्म पर होलोग्राम छापने पर रोक लगा दी गई थी और उसे ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था। दूसरी कंपनी मेसर्स सुमित फैसिलिटीस को राजस्व पूरा नहीं कर पाने की वजह से कंपनी की बैंक गारंटी को जब्त कर लिया गया था। झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट कॉर्पोरेशन को सलाहकार से हटा दिया था।

नकली होलोग्राम पर दोनों राज्यों में हुई थी शराब की सप्लाई

छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में नकली होलोग्राम लगाकर पूरे राज्य में शराब की सप्लाई की गई थी। उसी तरह से झारखंड में भी नकली होलोग्राम लगाकर शराब की सप्लाई की बात कही गई है। आरोप है कि नकली होलोग्राम पर लगातार शराब बेची गई है। इसका हिसाब भी नहीं है।

शराब घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में होलोग्राम आपूर्ति करने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता सहित पांच नामजद के विरुद्ध गत वर्ष अगस्त महीने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

अन्य आरोपितों में छत्तीसगढ़ उत्पाद विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, उत्पाद आयुक्त निरंजन दास, आयुक्त अनिल तुतेजा व अनवर ढेबर शामिल थे। ईडी ने प्राथमिकी में बताया था कि होलोग्राम की डुप्लीकेसी की गई और विभिन्न राज्यों में आपूर्ति की गई, इसमें झारखंड भी शामिल है। संबंधित कंपनी पर 80 करोड़ से अधिक होलोग्राम की छपाई का आरोप है।

झारखंड में भी ईडी की चल रही है जांच, एक आरोपित भेजा गया है जेल

झारखंड में भी शराब, जमीन व बालू घोटाले में एक ईसीआइआर दर्ज कर ईडी जांच कर रही है। ईडी ने इस मामले में एक आरोपित योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। देवघर, जामताड़ा आदि जिलों में दर्ज नकली शराब, बालू तस्करी व जमीन घोटाले से संबंधित करीब दर्जनभर से अधिक प्राथमिकियों को ईडी ने अपनी ईसीआइआर में जोड़ा था। ईडी की जांच जारी है।

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