रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन को लेकर नेता प्रतिपक्ष बोलीं- मास्को जाने नहीं मिले 10 लाख, महापौर का दौरा निजी, ढेबर ने किया पलटवार
लाइट मेट्रो ट्रेन को लेकर रायपुर नगर निगम में सियासत तेज हो गई है। ट्रेन कहां और कब चलेगी, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है।
HighLights
- लाइट मेट्रो ट्रेन को लेकर रायपुर निगम में राजनीतिक घमासानl
- पहले मेरे दौरे को बता रहे थे निजी, अब सच आया सामने: ढेबर।
- मास्को में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए एजाज ढेबर ने किया था एमओयू।
रायपुर। लाइट मेट्रो ट्रेन को लेकर इन दिनों नगर निगम में राजनीतिक घमासान तेज है। ट्रेन कहां चलेगी?, कब चलेगी? फिलहाल इसका कोई पता नहीं है, लेकिन इसे लेकर पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है।
नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि मास्को (रूस) जाने के लिए महापौर ढेबर ने 10 लाख रुपये मांगे थे, जिसके लिए उनके द्वारा नोटशीट भी चलाई गई थी, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। ऐसे में बिना स्वीकृति के यह दौरान पूरी तरह से निजी ही है।
दूसरी ओर महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि मैंने लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने को सर्वे करने के लिए एमओयू किया है और दौरे के लिए मास्को से ही टिकट भी उन्हें भेजकर बुलाया गया था। इसके अलावा विपक्ष बिना किसी अधिकारी के मेरे द्वारा किए गए एमओयू को अवैध बता रहा है।
संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर
महापौर के अनुसार रूस की राजधानी मास्को में आयोजित इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट समिट में शामिल होकर उन्होंने संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किया। इससे संबंधित दस्तावेज में छह बिंदू शामिल हैं, लेकिन इस एमओयू में कहीं भी रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाए जाने का उल्लेख नहीं है।
दस्तावेज के अनुसार, महापौर ने रायपुर की ओर से परिवहन और सड़क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने व परिवहन प्रणालियों को सुधारने में सहयोग करने की मंशा से संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किया है।
इन बिंदुओं पर हुआ संयुक्त वक्तव्य
– नियमित आधार पर अप-टू-डेट परिवहन डेटा का आदान-प्रदान।
– विज्ञानी व विशेषज्ञ समुदाय के साथ बैठकें और कार्यक्रम सहित ऑफलाइन बैठकें और कार्यक्रम।
– संयुक्त अनुसंधान कार्य का कार्यान्वयन।
– वर्तमान परिवहन स्थिति के लिए रायपुर और मास्को शहर में परिवहन की जांच और पहचान।
– परिवहन उद्योग में प्रक्रियाओं की पहचान और विकास।
– परिवहन स्थिति के बारे में ज्ञान और सुलभ आधार बनाने।