छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: आरोपपत्र में EOW का दावा, आबकारी अधिकारियों ने रिश्वत से कमाए 57 करोड़
पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान हुए 2,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में शामिल सभी अफसरों से पूछताछ जारी है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) द्वारा पेश की गई चालान की कॉपी के अनुसार, घोटाले में संलिप्त अफसरों ने सिंडीकेट के साथ मिलकर पांच वर्षों में लगभग 172 करोड़ रुपये कमाए हैं।
HighLights
- 2019 में 200 ट्रक से बढ़कर 2023 में 400 ट्रक प्रतिमाह तक पहुंचा अवैध शराब कारोबार।
- दो दिनों में ईओडब्ल्यू ने 15 अफसरों को बुलाकर की पूछताछ, हो सकती है गिरफ्तारी।
- नकली होलोग्राम वाली शराब रायपुर और बिलासपुर सहित 15 जिलों में की गई सप्लाई।
रायपुर। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में हुए 2,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में संलिप्त सभी अफसरों से पूछताछ की जा रही है। अब तक शुक्रवार और शनिवार दो दिनों में 20 में से 15 अफसरों से पूछताछ की जा चुकी है। ये वही अफसर हैं, जिन्होंने सिंडीकेट के साथ मिलकर पांच साल में लगभग 172 करोड़ रुपये की कमाई की है। ईओडब्ल्यू द्वारा पेश की गई चालान की कॉपी बताती है, कि इन अफसरों की कमाई चुनावी वर्ष यानी कि 2022-23 में पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी हो गई।
आरोप पत्र के अनुसार चुनावी वर्ष में 2022-23 में यह कारोबार 200 ट्रक से बढ़कर 400 ट्रक प्रतिमाह हो गया था। जिससे अफसरों को 150 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से मिलने वाली रिश्वत की राशि दोगुनी हो गई और 2.40 करोड़ रुपये की जगह 4.80 करोड़ रुपये प्रतिमाह मिलने लगे। इस हिसाब से सिर्फ चुनावी वर्ष में ही इन सभी अफसरों ने 20 अफसरों ने 57 करोड़ रुपये रिश्वत के जरिए कमाए हैं। ईओडब्ल्यू के आरोप पत्र में नाम आने और पूछताछ होने के बावजूद अभी भी ये अफसर आबकारी में ही अहम पदों पर बने हुए हैं।
15 प्रतिशत कमीशन सिंडीकेट के पास
आरोप पत्र के अनुसार 560 रुपये की मदिरा 2,880 रुपये की एमआरपी पर बेचा जाता था। सिंडीकेट द्वारा मिलीभगत कर इसके दाम बढ़ाकर 3,840 रुपये कर दिया गया। जिसमें 560-600 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से शराब सप्लायरों को भुगतान किया जाता था, जबकि 150 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से सभी 15 कार्यक्षेत्र वाले जिलों में पदस्थ 20 अफसरों को दिया जाता था। वहीं, इसमें शेष हिस्सा अनवर ढेबर अपने पास रखता था और इसका 15 प्रतिशत कमीशन अनिल टुटेजा और एपी त्रिपाठी को दिया जाता था।
15 जिलों में नकली होलोग्राम की शराब की सप्लाई
नकली होलोग्राम लगाकर शराब की सप्लाई के लिए 15 जिलों का चयन किया गया है। जिसमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद, महासमुंद, धमतरी, बलौदा बाजार, गरियाबंद, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बेमेतरा और रायगढ़ जिले में प्रमुख तौर पर करने की पुष्टि ईओडब्ल्यू के चालान से होती है। इस पूरे खेल में रिश्वत का माल लेने वाले ये सभी अधिकारी इन्हीं जिलों में पदस्थ रहे।