साय सरकार के छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना से खेलों में आएगा बड़ा बदलाव, खिलाड़ियों को मिलेगी ये सुविधाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में एक नई क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इस योजना की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर राज्य सरकार को भेज दी है, और अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

HIGHLIGHTS

  1. अंतरराष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में भागीदारी करने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि।
  2. खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा तैयार योजना को कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी।
  3. खेल महोत्सव का आयोजन और खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने का होगा प्रयास।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना चलाने का निर्णय लिया है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार कर मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दी है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद योजना को जल्द कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

इस योजना के तहत खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में भागीदारी करने पर उनको शत-प्रतिशत यात्रा व्यय तथा खेल उपकरण के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साथ ही प्रत्येक जिले के साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर खेल आधारभूत संरचना की सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने की व्यवस्था होगी। प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन एशियाड या ओलिंपिक तक पहुंचने में विफल रहे हैं। अब तक प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी किसी भी स्पर्धा में ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया है।

प्रदेश में अब अधोसंरचना निर्माण, पारंपरिक खेल प्रतियोगिता, खेल प्रतिभा खोज, छात्रवृत्ति तथा खेल उपकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसी सत्र से छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना चलाने के साथ रायगढ़ जिले में 31 करोड़ की लागत से इंडोर स्टेडियम कांप्लेक्स, हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान एवं सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, 14 करोड़ रुपये की लागत से बलौदाबाजार जिले में इंडोर स्टेडियम कांप्लेक्स तथा जशपुर जिले के कुनकुरी में 33.60 करोड़ की लागत से आधुनिक खेल स्टेडियम के निर्माण की घोषणा की है।

प्रदेश में खेल सुविधाओं को लेकर नईदुनिया ने छत्तीसगढ़ मांगे ओलिंपिक मेडल मुद्दा उठाया था। खबरें लगातार प्रकाशित कर राज्य सरकार का खेलों की स्थिति को लेकर ध्यान आकृष्ट कराया था।

कार्ययोजना में यह है शामिल

 

– आधारभूत संरचना का विकास एवं संरक्षण, प्रत्येक संभाग में बहुउद्देश्यीय स्टेडियम स्थापित कर पारंपिक खेलों की मेजबानी और प्रशिक्षण सुविधा

– खेल मैदानों का विकास, संरक्षण एवं उन्नयन, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में तैयार होंगे 100 खेल मैदान, प्रत्येक विकासखंड में अधिकतम दस

– राज्य के प्रत्येक विकासखंड में इंडोर हाल की स्थापना, जिसके लिए राशि की जाएगी स्वीकृत

– ग्राम पंचायत स्तर पर शासकीय खेल मैदानों को खेल उपकरण व सामग्रियां की जाएगी प्रदान

– पंजीकृत खेल समितियों व क्लबों को खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए प्रोत्साहित करने आर्थिक सहयोग की जाएगी प्रदान

– प्रतिभा खोज के तहत खिलाड़ियों को खेलवृत्त, ओलिंपिक खेल में शामिल खेलों के लिए राष्र्टीय खिलाड़ियों को दी जाएगी खेलवृत्त

– राज्य में पारंपरिक एवं लोकप्रिय खेलों के लिए छत्तीसगढ़ खेल महोत्सव का प्रतिवर्ष किया जाएगा आयोजन

– मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, ओलिंपिक खेल, विश्वकप, एशियाड, राष्ट्रमंडलीय खेलों में भाग लेने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को यात्रा व्यय तथा खेल उपकरण के लिए दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

खेल के लिए अधोसंरचना का होगा विकास: सीएम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि युवाओं के लिए खेल की सर्वाेत्तम अधोसंरचना तैयार करने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा गहन प्रयास किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमने ‘‘छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना‘‘ आरंभ करने का निर्णय लिया है।

छत्‍तीसगढ़ खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक तनुजा सलाम ने कहा, राज्य शासन को कार्ययोजना तैयार कर भेजा जा चुका है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद योजना शुरू होगी। छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य बेहतर खेल आधारभूत संरचना की सुविधाएं प्रदान करना है।

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