छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद के गठन का CM साय ने किया ऐलान, राज्य के विकास में मिलेगा सहयोग

छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। औद्योगिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया में हो रहे नवाचारों को राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप लागू करने हेतु छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा।

HIGHLIGHTS

  1. छत्‍तीसगढ़ के संतुलित और आर्थिक विकास का रोडमैप तैयार।
  2. युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण।
  3. बस्तर-सरगुजा में वनोपज प्रसंस्करण केंद्र और इको टूरिज्म पर ध्यान।

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार किया है। औद्योगिक अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए देश-दुनिया में जो नवाचार प्रारंभ हुए हैं, उन्हें राज्य की परिस्थिति के अनुरूप लागू करने को छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद के गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है।

युवाओं को रोजगार देते हुए अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने के लिए प्रदेश की नई उद्योग नीति तैयार हो रही है। इसके तहत आर्थिक विकास परिषद छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे, एयरपोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी के क्षेत्र में निवेश करके यहां के खनिज संपदा के माध्यम से आर्थिक उन्नति बढ़ाने की दिशा में कारगर होगा। प्रदेश में कुशल मानव संसाधन के बूते उद्योगों के फलने-फूलने की प्रचुर संभावनाएं देखी जा रही है। उद्यमी युवाओं को ‘‘छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना‘‘ के माध्यम से 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ हम ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।

राज्य में निवेश का बेहतर माहौल: सीएम

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य में निवेश का बेहतर माहौल हो, इसके लिए हमने सिंगल विंडो सिस्टम को नवीनीकृत किया है। इससे उद्यमियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा अन्य क्लियरेंस के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में जिस तरह से छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे, एयरपोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं, उससे छत्तीसगढ़ अब निवेश के लिए सबसे आदर्श जगह बन गया है। यहां प्रचुर खनिज संसाधन, कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति और कुशल मानव संसाधन के बूते उद्योगों के फलने-फूलने की प्रचुर संभावनाएं हैं।

तीव्र आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार

मुख्यमंत्रीसाय ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक विविधता को देखते हुए हमने सभी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए रणनीति तैयार की है। बस्तर और सरगुजा में हम वनोपज प्रसंस्करण केंद्रों, इको टूरिज्म, नैचुरोपैथी आदि पर जोर दे रहे हैं। नवा रायपुर को हम आईटी हब तथा इनोवेशन हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। राजधानी के समुचित विकास के लिए और यहां उद्यम के अवसरों को बढ़ावा देने हम नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) की तरह ही स्टेट कैपिटल रीजन विकसित करने जा रहे हैं। कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कारिडोर बनाने का निर्णय हमने लिया है। इसके अस्तित्व में आने पर इन क्षेत्रों में औद्योगिक विस्तार और भी तेज हो जाएगा।

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