Quota Protest Bangladesh: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र, देशव्यापी बंद का एलान
बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। छात्रों की मांग है कि सरकार आरक्षण में सुधार करे। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों की मांग को मानने से इनकार कर दिया है।
HIGHLIGHTS
- छात्रों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं।
- एक दिन पहले हिंसक झड़पों से छह लोगों की मौत हुई।
- भारतीय उच्चायोग ने कहा- बांग्लादेश की यात्रा करने से बचें।
ढाका, रॉयटर्स। बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्र सड़कों पर आए हैं। पूरे देश में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का उपयोग किया। एक दिन पहले हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें छह लोगों को मौत हो गई थी।
किन लोगों को मिल रहा है आरक्षण
पूरा मामला 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध से जुड़ा है। दरअसल, इस युद्ध में शामिल हुए लोगों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलता है। ऐसे में इसको समाप्त करने के लिए छात्र सड़कों पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया। उसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गए।
विश्वविद्यालय अनिश्चितकालीन के लिए बंद
प्रदर्शनकारी छात्रों को बढ़ती तादाद को देखते हुए अब विश्वविद्यालय को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से विश्वविद्यालय खाली करने को कह रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आदेश दिया है कि इन हत्याओं की न्यायिक जांच की जाए।
बांग्लादेश की यात्रा करने से बचें भारतीय
ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि बांग्लादेश में स्थिति खराब हो गई है। ऐसे में भारतीय समुदाय को बांग्लादेश में यात्रा करने से बचे। बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय छात्रों अपने आवास परिसर में ही रहें। वह बाहर कम से कम जाएं।