Monsoon In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एंट्री करते ही रूठा मानसून, आज छाए रहेंगे आंशिक बादल लेकिन बढ़ेगा पारा
Monsoon In Chhattisgarh: मानसूनी द्रोणिका के प्रभाव से बुधवार 26 जून से प्रदेश भर में बारिश की गतिविधि बढ़ेगी। साथ ही मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। वहीं मंगलवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाएंगे, लेकिन अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होगी।
HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में आज आंशिक रूप से छाए रहेंगे बादल
- 26 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी बारिश की गतिविधि
- बुधवार से प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार
Monsoon in Chhattisgarh: रायपुर। मानसूनी द्रोणिका के प्रभाव से बुधवार 26 जून से प्रदेश भर में बारिश की गतिविधि बढ़ेगी। साथ ही मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। वहीं मंगलवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाएंगे, लेकिन अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। सोमवार को प्रदेश भर में बलरामपुर सर्वाधिक गर्म रहा, एआरजी बलरामपुर का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सोमवार सुबह से ही प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाने के साथ ही हल्की वर्षा भी हुई। हालांकि दोपहर के समय तेज धूप निकली और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी से गर्मी भी थोड़ी बढ़ गई। सोमवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री ज्यादा और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.2 डिग्री ज्यादा रहा।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक उत्तर दक्षिण द्रोणिका राजस्थान से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक 0.9 किमी ऊंचाई तक फैला है। साथ ही एक द्रोणिका भी दक्षिण छत्तीसगढ़ से दक्षिण महाराष्ट्र तक 3.1 किमी ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने बताया कि बुधवार से प्रदेश में बारिश की गतिविधि बढ़ेगी और कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार है।
इन क्षेत्रों में हुई बारिश
भोपालपट्टनम 15 सेमी, अहिवारा 6 सेमी, घुमका-खैरागढ़ 4 सेमी, राजिम-भखारा-डोंगरगढ़ 3 सेमी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, पेंड्रा रोड 2 सेमी वर्षा हुई। इन क्षेत्रों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जानिए क्या होता है द्रोणिका
बादलों के बीच ठंडी और गर्म हवाओं के मिलने से एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है। इस सिस्टम से बनने वाली पट्टी को द्रोणिका कहते हैं। द्रोणिका की वजह से मौसम में बदलाव होता है और तेज हवा के साथ बारिश होती है।