“रख ले, बाद में क्या पता…..” सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी दोस्त को दी थी वो खास चीज
HIGHLIGHTS
- 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत का हो गया था निधन।
- अपने फ्लैट पर मृत मिले थे अभिनेता, आज है डेथ एनविर्सरी।
- करीबी दोस्त आरती बत्रा दुआ ने शेयर की थीं उनसे जुड़ी यादें।
Sushant Singh Rajput Death Anniversary: टीवी से लेकर सिनेमा तक अपनी बेहतरीन एक्टिंग से सुशांत सिंह राजपूत ने लोगों का खूब दिल जीता। आज सुशांत हमारे बीच नहीं हैं। 4 साल पहले आज ही के दिन यानी 14 जून को खबर मिली थी कि मुंबई स्थित अपने फ्लैट में सुशांत ने आत्महत्या कर ली है। यह सुनकर हर कोई हैरान रह गया था। सुशांत के फैंस आज भी इस बात पर यकीन नहीं कर पाते हैं। सुशांत डेथ एनिवर्सरी पर हम आपको उनकी स्कूल लाइफ से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें उनकी करीबी दोस्त आरती बत्रा दुआ ने IANS के साथ शेयर की थीं।
सुशांत की करीबी दोस्त ने शेयर की बातें
सुशांत सिंह राजपूत एक टैलेंटेड एक्टर थे। उनकी करीबी दोस्त आरती बत्रा दुआ ने बताया कि सुशांत रील के साथ रियल लाइफ में भी एक कंप्लीट पैकेज थे। जो उनके करीबी होते थे, सुशांत उनके साथ बहुत कनेक्टेड होते थे। बता दें कि सुशांत ने अपनी पढ़ाई पटना के सेंट कैरेंस हाई स्कूल से पूरी की थी।
इसके बाद वे साल 2001 में उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गए थे। यहां उन्होंने हायर स्टडीज पूरी करने के बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। दिल्ली के स्कूल में सुशांत की मुलाकात आरती बत्रा दुआ से हुई। दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।
“एक कंप्लीट पैकेज था सुशांत”
उन्होंने बताया कि सुशांत और मेरी दोस्ती ग्यारहवीं कक्षा में हुई थी। उस समय सुशांत एक नए स्टूडेंट के तौर पर स्कूल में आए थे। हम एक अच्छे दोस्त बन गए थे। वह काफी मजेदार इंसान था। सुशांत जितना मस्ती करता था, उतना ही वह पढ़ाई में भी काफी अच्छा था।
वो पढ़ाई को लेकर काफी सीरियस भी था। किसी भी चीज को लेकर सुशांत ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेता था। वह बस अपनी जिंदगी जीता था। उसे एक कंप्लीट पैकेज कहा जा सकता है कि क्योंकि वो पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन शरारतें भी करता था। टीचर्स भी उसे काफी पसंद करते थे। वो एक ऑलराउंडर इंसान था।
आज भी संभालकर रखा है सुशांत का ऑटोग्राफ
आरती आगे कहती हैं कि जब स्कूल का आखिरी दिन था, तो सुशांत ने मुझे अपना ऑटोग्राफ दिया। उस दिन हमें कुछ लिफाफे मिले थे और सुशांत ने मेरे लिफाफे पर लिख दिया था, “बहुत सारा प्यार, सुशांत’।” उसने मेरा लिफाफा खराब कर दिया इस पर मुझे गुस्सा आया। उसने कहा, “रख ले, बाद में लाइन में खड़े होने के बाद भी क्या पता न मिले।” यह बात उसने सच में साबित करके दिखा दी। मुझे उस पर बहुत गर्व है। आज भी वह लिफाफा मेरे पास है, जो मुझे सुशांत की याद दिलाता है।