Raipur Lok Sabha Election Result 2024: रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल आगे, जानिये इस सीट का इतिहास
CG Raipur Chunav Result 2024: 2024 का चुनाव समाप्त हो गया है। अब सिर्फ नतीजे आने बाकी है। रायपुर लोकसभा सीट की बात करें तो इसी सीट पर भाजपा का पिछले 28 साल से कब्जा रहा है।
HIGHLIGHTS
- Chhattisgrah, Raipur Lok Sabha Seat Result: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस के लिए है बड़ी चुनौती
- CG, Raipur Lok Sabha Election Result 2024: रायपुर सीट पर भाजपा का पिछले 28 साल से कब्जा
- Raipur Lok Sabha Chunav Result 2024: इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने आठ-आठ बार दर्ज की जीत
रायपुर। Raipur Lok Sabha Election Result 2024: 2024 का चुनाव समाप्त हो गया है। अब सिर्फ नतीजे आने बाकी है। देश के साथ छत्तीसगढ़ लोकसभा की 11 सीटों का परिणाम 4 जून को आएगा। ऐसे में रायपुर लोकसभा सीट की बात करें तो इसी सीट पर भाजपा का पिछले 28 साल से कब्जा रहा है। हालांकि इस बार भाजपा ने वर्तमान सांसद सुनील सोनी का टिकट काटकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है। यहां जीत के लिए जमीन तलाश रही कांग्रेस ने पूर्व विधायक विकास उपाध्याय पर भरोसा जताया है।
Raipur Lok Sabha Result 2024: भाजपा ने रायपुर सीट पर अपने लगातार जीत के सिलसिले को कायम रखने के लिए ऐसे नेता को अपना उम्मीदवार बनाया, जिसने कभी हार का स्वाद ही नहीं चखा है। बतादें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण सीट से आठ बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। जबकि एक बार के विधायक रहे विकास उपाध्याय पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े रहे हैा।
रायपुर लोकसभा सीट के लिए चुनावी इतिहास पर गौर करें तो यहां आजादी से (1952 से) अब तक 17 बार चुनाव हुए, जिसमें आठ बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है तो आठ बार भाजपा ने बाजी मारी है। राज्य निर्माण से पहले यहां कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन राज्य निर्माण के बाद भाजपा मजबूत हुई।
तीसरे चरण में हुई थी वोटिंग
रायपुर लोकसभा सीट में विधानसभा की नौ सीटें आती हैं। यहां लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यानि 7 मई को मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के आंकड़ा के अनुसार रायपुर में 66.82 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
ये रहे प्रमुख चुनावी मुद्दे
लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर ही लड़ा जाता है, लेकिन रायपुर लोकसभा क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाके आते हैं। ऐसे में यहां राष्ट्रीय के साथ रोजगार, पलायन, कृषि, शहरी विकास, सड़क, शुद्ध पेयजल, बिजली और मकान जैसे स्थानीय मुद्दे हावी हैं।