Raipur: अवैध प्लाटिंग पर निगम का एक्‍शन, लोगों ने कार्रवाई पर खड़े किए सवाल, कहा- प्लाट अवैध है तो रजिस्ट्री क्यों होती है"/> Raipur: अवैध प्लाटिंग पर निगम का एक्‍शन, लोगों ने कार्रवाई पर खड़े किए सवाल, कहा- प्लाट अवैध है तो रजिस्ट्री क्यों होती है"/>

Raipur: अवैध प्लाटिंग पर निगम का एक्‍शन, लोगों ने कार्रवाई पर खड़े किए सवाल, कहा- प्लाट अवैध है तो रजिस्ट्री क्यों होती है

HIGHLIGHTS

  1. – निगम ने बोरियाखुर्द दुर्गा विहार कालोनी डूंडा में अवैध प्लाटिंग पर की कार्रवाई
  2. – निगम ने लगभग दो करोड़ से अधिक की डीपीसी को कार्रवाई कर उखाड़ फेंका
  3. – रायपुर नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने खड़े किए सवाल

रायपुर। Illegal plotting in Raipur: नगर निगम द्वारा अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की जा रही है। निगम ने बोरियाखुर्द दुर्गा विहार कालोनी डूंडा में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की। कई प्लाटों की चारदीवारी व ढांचे को ध्वस्त किया। यहां लगभग पांच एकड़ जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए बाउंड्री व डीपीसी को तोड़ा गया।

निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने सवाल खड़े किए। लोगों ने कहा कि बिल्डरों ने उन्हें यह जमीन बेची। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है? प्लाट अवैध है तो रजिस्ट्री क्यों होती है? ऐसा नियम ही क्यों बनाया गया है कि पहले रजिस्ट्री कराइए फिर अपनी जमापूंजी खर्च कर प्लाट में कराए गए डीपीसी व बाउंड्रीवाल को निगम तोड़ दे?

कई लोगों ने कहा कि जब उन्होंने प्लाट खरीदा तो वैध और अवैध के संबंध में जानकारी ही नहीं थी। निगम की कार्रवाई के बाद उन्हें पता चला कि उनका प्लाट अवैध है। निगम की कार्रवाई के दौरान कई लोगों के घरों की बिजली तक काट दी गई। जिसे लेकर वहां के रहवासियों ने कहा कि हमारा कनेक्शन अवैध कैसे हुआ? हमने तो पैसा देकर टीसी कनेक्शन लिया है। इसके बाद लाइट जलाते हैं। समय पर बिजली बिल भी पटाते हैं। इसके बाद निगम ने हमारा कनेक्शन ध्वस्त किया।

निगम के चक्कर काट रहे लोग

दुर्गा विहार क्षेत्र में निगम की कार्रवाई के बाद वहां के लोग निगम दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी मामला ताजा है इसलिए कोई उन्हें सही राह नहीं बता रहा, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से लोग कुछ न कुछ रास्ता निकालकर घर बनाना शुरू कर देंगे।

इस अवसर पर निगम ने लगभग दो करोड़ से अधिक की डीपीसी को कार्रवाई कर उखाड़ फेंका। वहां के ही कुछ रहवासियों ने बताया कि लगभग एक हजार से बारह सौ प्लाट यहां पर मौजूद हैं। एक प्लाट के पीछे डीपीसी के लिए लगभग 20 हजार खर्च हुआ। छह घंटे की कार्रवाई में दो करोड़ से अधिक की डीपीसी निगम ने तोड़ दी।

निगम की कार्रवाई से नाराज लोगों ने उठाए सवाल

खिलेमा साहू ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लोग चिंतित थे। कुछ घरों में काम चल रहा है, वे लोग भी कार्रवाई के दौरान बहुत परेशान थे। अब समझ नहीं आ रहा है कि हमें करें तो क्या। अपनी जमा पंंूजी लगाकर प्लाट खरीदा था।

टकेश साहू ने कहा कि हर व्यक्ति बुधवार को घबराया, किसी ने आधा तो किसी ने पूरा घर भी बनाया है। अच्छी बात यह रही कि निगम ने सिर्फ अवैध प्लाटिंग पर ही कार्रवाई की। जिन्होंने छत तक घर बना लिया है, उनके साथ कुछ नहीं किया। कुछ घरों की लाइट बस काटी है।

तीजू राम साहू ने कहा कि पाई-पाई जोड़कर लोग घर बनाते हैं। एक प्लाट लेने के लिए लोग क्या-क्या जतन नहीं करते, लेकिन प्रशासन उनके लिए पहले मुश्किल खड़ा करता है। इसके बाद अपने पास बुलाकर समाधान निकालता है। कार्रवाई से पहले ही समाधान क्यों नहीं।

टोकेश्वर साहू ने निगम की कार्रवाई पर कहा कि कालोनी में हर व्यक्ति चिंता में डूबा हुआ था। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि उन्होंने इतनी बड़ी गलती कैसे की। लेकिन लोगों के मन में एक सवाल जरूर था, जब हमारा प्लाट अवैध है तो रजिस्ट्री के वक्त ही क्यों नहीं रोका गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button