चनियागांव में 40 शिल्पियों को दिया जा रहा बेलमेटल हेतु तकनीकी प्रशिक्षण
पूरे जिले में सभी शिल्पियों को तकनीकी उन्नयन हेतु दिया जा रहा प्रशिक्षण
कोण्डागांव, कोण्डागांव हमेशा से शिल्प एवं कला की नगरी के रूप में प्रसिद्ध रहा है। यहां के बेलमेटल शिल्प, माटी शिल्प, बांस शिल्प, काष्ट शिल्प, रॉट आयरन शिल्प ने देश-विदेशों में प्रसिद्धि हासिल की है। इन कलाओं को जीवंत रखने एवं इनमें तकनीकी सुधार तथा नये डिजाइनों को इन्टीग्रेट करने हेतु समय-समय पर इन शिल्पियों को शासन द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण देकर इनकी कला को नये आयाम देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत् छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त कर ग्राम चनियागांव में 40 अनुसूचित जाति वर्ग के बेलमेटल शिल्पियों को 03 माह का इंटीग्रेटेड डिजाईन एवं तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय में इम्पेनल्ड डिजाईनर श्रद्धा श्रीवास्तव द्वारा वर्तमान में बाजार के मांग अनुसार नवीन डिजाईन एवं तकनीक सिखाया जायेगा। जिससे शिल्पियों द्वारा नवीन डिजाईन की कलाकृतियां तैयार कर उसको बाजार में उचित मूल्य में विक्रय कर आर्थिक स्थिति सुदृढ़ किया जा सके। इसके संबंध में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड शिल्पनगरी के प्रभारी अनिरूद्ध कोचे ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले के सभी शिल्पियों के शिल्प कार्यों में उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिल्पियों का चयन कर विभिन्न स्थानों पर सामूहिक रूप से शिल्पियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चनियागांव के साथ जामपदर एवं अन्य स्थानों पर भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।