Chhattisgarh Railway Football Ground: मेरे मैदान से भाजपाध्यक्ष ने फूंका था परिवर्तन का बिगुल, दो महीने के भीतर बदल गई सरकार
HIGHLIGHTS
- मुझमे सिमटा इतिहास, मैं रेलवे का फुटबाल मैदान हूं।
- प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का सबसे बड़ा गवाह, तब भीड़ जुटी थी और भाजपाइयों ने संकल्प भी लिया था।
- आरएसएस के स्वयंसेवकों का हुआ था जुड़ाव।
बिलासपुर। मैं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का फुटबाल मैदान हूं। सुबह और शाम के वक्त बच्चों व बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखता हूं तो खिलाड़ियों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी भी उठाता हूं। इतना ही नहीं सभा समारोह से लेकर धार्मिक आयोजनों का गवाह भी मैं हूं। बात जब निकल ही पड़ी है और मौजूदा दौर लोकसभा चुनाव का है तो क्यों ना इससे जुड़ी बातें और यादों को आपसे साझा कर लूं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ।
भाजपा की सरकार बनी जो निरंतर 15 वर्षों तक चलती रही। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बदलाव का बयार चला और राज्य में कांग्रेस की वापसी हुई। या ऐसा भी कह सकते हैं कि 15 साल वनवास काटने के बाद एक बार फिर सत्ता में भागीदारी मिली। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव का दौर आया। भाजपा ने राज्य की सत्ता पर वापसी और भागीदारी के लिए अपनी तैयारी कर रही थी।
विधानसभा चुनाव के ठीक एक महीने पहले मेरे ही मैदान में भाजपा की एक बड़ी सभा हुई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सभा को संबोधित करने आने वाले थे। भाजपा के चुनावी प्रबंधन से जुड़े प्रमुख नेताओं के अलावा पदाधिकारियों ने भीड़ जुटाने की तैयारी शुरू कर दी थी। सभा के लिए मैदान तय हो गया था। लिहाजा मेरे मैदान में तैयारी भी शुरू हो गई थी। वह समय भी आ गया। जिस दिन सभा थी सुबह से ही मेरे मैदान में भाजपा के बड़े नेताओं की आवाजाही शुरू हो गई थी।
सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी हो गई थी। भव्य मंच बनाया गया था। मंच को केसरिया रंग से सजाया और संवारा गया था। मंच में सोफा बिछाया गया था। प्रोटोकाल के हिसाब से कौन नेता किस जगह पर बैठेंगे, सोफा में उनके नाम की पर्ची भी लगाई गई थी। सभा का नाम दिया गया था परिवर्तन शंखनाद रैली। भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा तकरीबन पांच बजे आए। तब तक प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने कार्यकर्ताओं के बीच अपनी बात रख दी थी।
जेपी नड्डा आए और उन्होंने अपनी बात रखी। भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को कटघरे में खड़ा किया। प्रदेश की सत्ता पर वापसी के लिए कार्यकर्ताओं को संकल्प भी दिलाया। मैं तो यह बात कह सकता हूं कि भाजपा ने मेरे मैदान से जो संकल्प लिया वह पूरा हो गया। तब तो यह भी कह सकता हूं कि मैं भाजपा के लिए शुभ फलदायक ही हूं।