Chaitra Navratri 2024: 4 अद्भुत संयोग में शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्र, विधि-विधान से करें पूजा
HIGHLIGHTS
- यह त्योहार जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है।
- इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
- चैत्र नवरात्र के पहले दिन एक साथ चार अद्भुत संयोग बन रहे हैं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024: हर साल चैत्र माह की अमावस्या तिथि के अगले दिन से नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र का पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्र का त्योहार 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक मनाया जाएगा। यह त्योहार जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसके अलावा उनके लिए व्रत भी रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र नवरात्र के पहले दिन एक साथ चार अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यह योग घटस्थापना के समय यानी सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर बन रहा है, जो अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
अमृत सिद्धि योग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। शुभ कार्यों के लिए ज्योतिष शास्त्र अमृत सिद्धि योग को सर्वोत्तम मानता है। इस योग में शुभ कार्य आरंभ कर सकते हैं। यह योग सुबह 07 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रहा है, जो कि अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में देवी मां की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अभिजीत मुहूर्त
चैत्र नवरात्र के पहले दिन अभिजीत मुहूर्त रात 11.57 बजे से 12.48 बजे तक रहेगा। घटस्थापना के लिए यह शुभ समय है। यदि किसी कारणवश आप ब्रह्म बेला में कलश स्थापना नहीं कर पाएं, तो आप अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं।
अश्विनी नक्षत्र
चैत्र नवरात्र पर अश्विनी नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, अश्विनी नक्षत्र सुबह 7.33 बजे शुरू होगा और 10 अप्रैल को सुबह 5.06 बजे समाप्त होगा।
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