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Fire In CSPDCL: जिम्मेदारों को ही दे दी बिजली कंपनी के गोदाम में लगी आग की जांच की जिम्मेदारी, लीपापोती की चर्चा तेज

HIGHLIGHTS

  1. -जांच में लीपापोती की चर्चा तेज, जिम्मेदारों को बिना हटाए चल रही जांच
  2. – सीएसपीडीसीएल अग्निकांड:जिम्मेदारों को ही दे दी जांच की जिम्मेदारी

रायपुर। Fire in CSPDCL: बिजली कंपनी के गुढ़ियारी स्थित क्षेत्रीय भंडार गृह में लगी भीषण आग में करोड़ों के ट्रांसफार्मर, मीटर, केबल समेत अन्य उपकरण खाक होने के मामले में कार्यपालक निदेशक भीम सिंह कंवर की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति पर ही सवाल उठने लगे हैं। दरअसल भीम सिंह कंवर पूरे प्रदेश में ट्रांसफार्मर समेत अन्य बिजली उपकरण की आपूर्ति और दूसरे सदस्य अतिरिक्त मुख्य अभियंता यशवंत शिलेदार खरीदी का काम देखते है। ऐसे में जांच में लीपापोती होने की पूरी संभावना है।

बिजली कंपनी के जानकार सूत्रों की माने तो दो साल पहले एक ही महीने के क्षेत्रीय भंडार गृह में तीन बार आग लगी थी जिसे समय रहते बुझा लिया गया था। उस समय ट्रांसफार्मर, केबल समेत अन्य उपकरणों की खरीदी में गड़बड़ी को छिपाने आग लगाने की चर्चा थी। इन तीनों अग्निकांड की जांच भी हुई और लीपापोती कर दबा दिया गया।

इस बार भीषण अग्निकांड में बिजली कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ लेकिन इसके जिम्मेदार ही जांच कमेटी के सदस्य बनकर फिर से जांच कर रहे हैं। इस मामले में कार्यपालक निदेशक भीम सिंह कंवर से संपर्क करने कई बार कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रीसिव नहीं किया।

घोटाले, साजिश की आशंका भी जांच में शामिल

सीएसपीडीसीएल की ओर से आगजनी की जांच के लेकर गठित जांच टीम सभी छह बिंदुओं को लेकर जांच करेगी।इसमें साजिश और घोटाले की आशंका के एंगल की भी जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर स्टोर प्रभारी अधीक्षण अभियंता संजीव सिंह समेत अन्य की लापरवाही सामने आई है, लेकिन कंपनी के जानकार बताते है कि संजीव सिंह को बचाने निचले स्तर के अधिकारियों को बली का बकरा बनाया जा सकता है। इधर शासन स्तर पर जांच समिति बनाने के साथ ही नियमानुसार जिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से आग लगी उन्हें अब तक हटाया नहीं गया। इससे जांच प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

नुकसान कितना, सार्वजनिक करने से बच रहे अफसर

सीएसपीडीसीएल के अधिकारी अग्निकांड के वास्तविक नुकसान के बारे में कुछ बता नहीं पा रहे हैं। खाक हुए ट्रांसफार्मरों में कितने नए और कितने पुराने हैं? कंडम सामान कितना है? जबकि स्टोर कार्यालय में आनलाइन सिस्टम में सारी जानकारी होने के बाद भी सार्वजनिक करने से बच रहे है। अधिकारी केवल इतना कह रहे है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पूरी स्थिति साफ होगी।

सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं

गोदाम में खुले आसमान के नीचे ट्रांसफार्मर, हजारों लीटर ज्वलनशील आयल, वायर, कंडक्टर आदि सामान होने के बाद भी फायर फाइटिंग सिस्टम, पानी की व्यवस्था आदि सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं थे। वहीं छुट्टी का दिन होने के कारण स्टोर में कोई भी नहीं था। मुख्य गेट पर ताला लगा था। आसपास के लोगों ने आग के साथ काला धुंआ उठते देखकर फायर ब्रिगेड़ को सूचना दी।

मौके पर पहुंची दमकल टीम को आग बुझाने गेट का ताला तोड़कर भीतर जाना पड़ा था।आग ने रौद्र रूप ले लिया तब वहां बिजली कंपनी के अधिकारी,पूरा प्रशासनिक अमला भागते हुए पहुंचा। स्टोर से कुछ ही दूर में फायर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव लंबे समय से है। भवन भी बनकर तैयार है, लेकिन उसमें फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं लगाई जा रही है।

बिजली कंपनी के एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने कहा, आग में बिजली कंपनी को 40 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। जांच समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।जांच कमेटी में कंपनी के ही अधिकारियों को शामिल किया गया है। बाहर से किसी को कैसे शामिल कर सकते है।

क्षेत्रीय भंडार गृह के एसी संजीव सिंह ने कहा, क्षेत्रीय भंडार गृह का फायर आडिट नहीं होता। आग बुझाने के वहां पर इंतजाम है। कमेटी जांच कर रही है।उन्हें सारी जानकारी दे दी गई है। इस बारे में कुछ भी जानकारी देना ठीक नहीं होगा। भंडार गृह में इससे पहले भी आग लगी थी,इसकी जानकारी नहीं है। मैं तो यहां डेढ़-दो साल से हूं। मेरे कार्यकाल में पहली बार आग लगी है।

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