Lok Sabha Chunav: पीएम मोदी पर टिप्पणी कर फंसे नेता प्रतिपक्ष महंत, पत्नी की सीट बचाने की बढ़ी चुनौती
HIGHLIGHTS
- – कोरबा सीट पर महंत की पत्नी ज्योत्सना और भाजपा की सरोज पांडेय के बीच है मुकाबला
- – पीएम मोदी का सिर फोड़ने वाला आदमी चाहिए, का बयान देकर बुरे फंस गए हैं महंत
राज्य ब्यूरो, रायपुर। Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सिर फोड़ने वाला आदमी चाहिए,का बयान देकर बुरे फंस गए हैं। उनके बयान के बाद भाजपा ने भी ”मैं हूं मोदी का परिवार पहली लाठी मुझे मारे” का अभियान शुरू कर दिया है। इंटरनेट मीडिया से लेकर सड़क तक भाजपा हमलावर है, ऐसे में प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट कोरबा में नेता प्रतिपक्ष की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दरअसल, यहां उनकी पत्नी व मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। ज्योत्सना के सामने भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय चुनावी मैदान में हैं। नेता प्रतिपक्ष के बयान को लेकर चौतरफा वार शुरू हो गया है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने अपने बयान में खेद प्रकट कर दिया है मगर विवाद थम नहीं रहा है।
कोरबा लोकसभा की भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय ने इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बना दिया है। लोकसभा क्षेत्र के भरतपुर सोनहट विधानसभा के केलहारी में सभा के दौरान गुरुवार को उन्होंने महंत को ललकारते हुए निशाना साधा। सरोज ने कहा कि हार की निराशा से वह प्रधानमंत्री के सिर फोड़ने की बात कह रही हैं। कांग्रेस को देश की 140 करोड़ की जनता जवाब देगी। प्रदेश की 11 की 11 लोकसभा भाजपा जीत रही है।
इंटरनेट मीडिया में भी चला- ”मैं हूं मोदी का परिवार पहली लाठी मुझे मारे”
भाजपा ने इंटरनेट मीडिया में ”मैं हूं मोदी का परिवार पहली लाठी मुझे मारे” अभियान चलाया है। इसमें भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी आदि ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट साझा की है।
मुझे झूठ-भ्रम की बातों पर कुछ नहीं कहना: महंत
नईदुनिया के प्रश्न पर कि उनके बयान को लेकर भाजपा ने अभियान शुरू किया है, महंत ने कहा कि अब मुझे इस मामले में कुछ नहीं कहना है। जनता को पता है कि भ्रम और झूठ फैलाकर भाजपा राजनीति कर रही है। बतादें कि महंत ने एक दिन पहले ही अपनी सफाई में कहा था कि प्रधानमंत्री सम्मानीय पद है। मैं उनके खिलाफ इस तरह बयान नहीं दे सकता हूं। छत्तीसगढ़ी कहावत को कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़कर प्रचारित किया है।
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी कोरबा सीट
इस सीट पर कांग्रेस का ही वर्चस्व कोरबा लोकसभा सीट ऐसी है जो कि परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई है। इस सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस की जीत हुई। 2009 में कांग्रेस के डा. चरण दास महंत, 2014 में भाजपा के डा. बंशीलाल महतो और 2019 के चुनाव में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत जो कि अभी भी सांसद हैं, उन्होंने चुनाव जीता था।