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Raipur News: रायपुर के लाभांडी में नहीं सुधरे हालात, डायरिया के बाद फैला टाइफाइड, 7 से 8 लोगों में दिखे लक्षण

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Typhoid in Raipur: राजधानी रायपुर के लाभांडी पीएम आवास के संकल्प सोसायटी फेस-2 की स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही है। एक ओर जहां होली से पहले पूरी कालोनी में मातम का माहौल डायरिया के चलते बना रहा। वहीं अब होली के बाद भी नागरिकों का दुख कम होने की वजह अब टाइफाइड के रूप मे बढ़ता जा रहा है। जी हां, कालोनी में इन दिनों सात से आठ लोगों में टाइफाइड के लक्षण पाए गए हैं। वहीं तबीयत बिगड़ने पर शांति होरो ने जांच कराई तो पता चला कि उन्हें टाइफाइड हो चुका है। आलम यह है कि कोई उल्टी दस्त से त्रस्त है तो कई ठीक होकर घर लौटने के बाद वापस से बीमार हो रहे हैं।

कालोनी के अध्यक्ष सूरज यादव ने बताया कि ठीक होकर घर लौटे लोगों में बुखार की शिकायत है। उन्होंने कहा कि उनकी माता को भी बुखार हुआ है। शुक्रवार को बुखार आने पर कालानी की रामेश्वरी दास ने दवाई खरीदी है। कालोनीवासियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा बोर का पानी तो दूषित है ही, लेकिन निगम द्वारा टैंकर के माध्यम से कालोनी में लाए जा रहे पानी को भी पीने के लिए उपयोग न करें।
 

लोगों में टाइफाइड की समस्या होगी। मासूम की गई जान

दुर्ग क्षेत्र के स्थानीय निवासी परिवार इन दिनो कालोनी छोड़कर अपने गांव चला गया है। इसकी वजह उनका दो साल का मासूम था, जिसकी जान डायरिया के दौरान गई है। लोगों ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य डायरिया के चपेट में आए थे, जिसके चलते मासूम की जान चली है। वहीं इन दिनों पूरी कालोनी का आलम यह है कि लोग कालोनी में रहने के लिए तैयार नहीं हैं।

लोगों का कहना है कि जिंदगी जीने के लिए उन्होंने घर लिया था, लेकिन जिंदगी जीने की जगह अब उन्हें जिंदगी खोने का डर सता है। बता दें कि 232 परिवार की इस कालोनी में बीते समय पूरी कालोनी भरी हुई थी, लेकिन इन दिनो हालत यह है कि आधे से ज्यादा कालोनी खाली पड़ी है। जो लोग कालोनी छोड़कर अपने गांव गए हैं, वे पानी की वजह से लौटकर वापस आने का तैयार नहीं हैं।

नगर निगम रायपुर के जलकार्य विभाग कल्लू सतनाम सिंह पनाग एमआइसी ने कहा, शहर में मौजूद बोरबेल के पानी की सैंपलिंग निगम द्वारा कराई जा रही है। लोगों से अनुरोध है कि वे बोर का पानी उपयोग करने से पहले निगम को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि निगम पानी की सैंपलिंग करा सके।

केस कम हुए तो अधिकारी पड़े सुस्त

सूरज ने बताया कि कालोनी में बीते दो तीन दिन से डायरिया के केस आने बंद हुए तो स्वास्थ्य और निगम दोनो के अधिकारी ठंडे बस्ते में चले गए हैं। पहले भी यही हुआ था, जब कालोनीवासियों ने लगातार प्रशासन से समस्या बताई थी, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब फिर लोगों की तबीयत ठीक होनी शुरू हुई तो प्रशासन ने सुध लेनी छोड़ दी है। डायरिया से हालात बिगड़ने पर अस्थायी व्यवस्थाएं तो निगम के अधिकारियों ने की थी, लेकिन अब वे व्यवस्थाएं फिर बिगड़ने लगी हैं। डायरिया की मुख्य वजह कालोनी की गंदगी और दूषित पानी है। यह समस्या लगभग हर अधिकारी को पता है, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई स्थायी व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है।

जाम हो रहा सीवरेज का पानी

निगम ने संकल्प सोसायटी फेस-2 के सामने मौजूद दलदल के पानी निकासी की अस्थायी व्यवस्था तो बना दी थी, लेकिन कालोनी के सीवरेज का पानी निकलने के लिए अभी तक समुचित व्यवस्था नहीं बनाई गई है। वहीं दलदल का पानी भी पूरी तहर से नहीं निकल रहा है।

सूरज ने बताया कि कालोनी में लोग एक ओर जहां सीवरेज के जाम हो रहे पानी से परेशान हैं, वहीं जाम हो रहे पानी से उत्पन्न होने वाली गंदगी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इसी गंदगी के चलते लोग डायरिया का शिकार हुए। पिछले वर्ष दो लोगों की जान गई। इस वर्ष दो साल मासूम इन दुनिया से चला गया। अगर हालात नहीं सुधरे तो भविष्य और संकट भरा हो सकता है।

महिला की किडनी में संक्रमण

कालोनी की रहने वाली संतोष नायक की पत्नी सरला नायक इन दिनों आइसीयू में भर्ती हैं। सरला की बेटी ने बताया कि उनकी मां के किडनी में दूषित पानी पीने की वजह से संक्रमण हो गया है। हालत लगातार बिगड़ रही है। उनकी बेटी का कहना है कि डाक्टरों ने बताया है दूषित पानी की वजह से ही उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत हुई थी और अब किड़नी तक संक्रमण पहुंच चुका है। शुक्रवार को उनका डायलिसिस भी कराया गया है। सरला की बेटी को भी डायरिया हुआ था। हालांकि अब वे ठीक हो चुकी हैं।

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