Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच भ्रष्टाचार पर बैकफुट पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस, भूपेश के साथ फंसे कई नेता
HIGHLIGHTS
- लोकसभा चुनाव के बीच भ्रष्टाचार के मामले में चौतरफा घिरने से कांग्रेस असहज l
- सट्टा एप मामले में भूपेश बघेल के खिलाफ एफआइआर होने के बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बनकर उभरा l
- भाजपा हमलावर है, उसने विस चुनाव में भी इसी तरह से भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया थाl
संदीप तिवारी/ रायपुर। Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच भ्रष्टाचार के मामले में चौतरफा घिरी छत्तीसगढ़ कांग्रेस बैकफुट पर है। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई हैं। दरअसल, महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआइआर होने बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। लोकसभा चुनाव के लिए चल रही सभाओं व जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुछ इसी तरह से भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था।
महादेव एप मामला समेत कोयला घोटाला, शराब घोटाला, चावल घोटाला, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड घोटाले में कई कांग्रेसियों के नाम आने के बाद पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में भूपेश की मुश्किलें बढ़ने के साथ-साथ पार्टी पर संकट के बादल छा गए हैं।
महादेव एप मामले में जहां भूपेश कटघरे में हैं, तो वहीं कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव समेत कई नेताओं की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। देवेंद्र को कांग्रेस बिलासपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। इसके अलावा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य विधायकों पर भी भ्रष्टाचार के मामले की जांच छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में चल रही है।
दो हजार करोड़ से अधिक का शराब घोटाला
ईडी की जांच के बाद प्रदेश में 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में 35 व्यक्तियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। ईडी की जांच में कांग्रेस के बड़े नेताओं में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री कवासी लखमा, कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज, सेवानिवृत्त आइएएस अनिल टुटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, कारोबारी अनबर ढेबर समेत अन्य आइएएस-आइपीएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
540 करोड़ के कोयला घोटाले में कई अधिकारी भी शामिल
ईडी ने 540 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में कुल 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय समेत पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, आइएएस रानू साहू और आइएएस समीर बिश्नोई के नाम शामिल हैं। तीनों अधिकारी जेल में हैं। ईडी के मुताबिक कोयले के परिवहन को लेकर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनेताओं का गठजोड़ था, जो प्रति टन 25 रुपये वसूलता था। ये घोटाला भूपेश बघेल सरकार के समय उजागर हुआ।
महादेव एप मामले में ईडी जांच कर रही थी। रिपोर्ट के आधार पर अभी एफआइआर हुई। असीम दास की गिरफ्तारी के समय उसका बयान और शुभम सोनी के बयान में भूपेश बघेल का नाम सामने आया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। जहां कांग्रेस होगी, वहां भ्रष्टाचार होगा।
अरुण साव, उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
लोकसभा चुनाव के चलते भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए साजिश कर रही है। भाजपा ने नरेन्द्र मोदी सरकार की नाकामियों व भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने के लिए यह एफआइआर कराई है। भाजपा ने इलेक्टोरल बांड घोटाले में छह हजार करोड़ वसूले हैं। पहले व्यापारियों के यहां छापा डालते हैं, फिर भाजपा उनसे चंदे की राशि लेती है।
सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, प्रदेश संचार विभाग, छत्तीसगढ़ कांग्रेस