आचार संहिता लागू होने से 160 करोड़ की विभिन्न योजनाएं अटकीं, रायपुर के लोगों को फिर से झेलनी पड़ेगी परेशानी"/> आचार संहिता लागू होने से 160 करोड़ की विभिन्न योजनाएं अटकीं, रायपुर के लोगों को फिर से झेलनी पड़ेगी परेशानी"/>

आचार संहिता लागू होने से 160 करोड़ की विभिन्न योजनाएं अटकीं, रायपुर के लोगों को फिर से झेलनी पड़ेगी परेशानी

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Raipur News: राजधानी के लोगों को पिछले साल की तरह इस वर्ष भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि नगरीय प्रशासन में रायपुर नगर निगम से पहुंची 160 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की लगभग 10 फाइलों पर स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन निगम आगे की प्रक्रिया आचार संहिता लागू होने के चलते अब नहीं कर पाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इसमें प्रमुख रूप से जलभराव की समस्या झेलने वाले क्षेत्रों में नाला निर्माण, नाली निर्माण, डामरीकरण, भवन निर्माण, पेयजल समस्या वालों क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार कार्यों का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा गया था। ये विकास कार्य नगर निगम के सभी वार्डों में कराए जाने थे।

दरअसल राजधानी के कई इलाके ऐसे हैं, जहां आज भी नागरिकों को बरसात के समय में जलभराव जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। इनमें समता कालोनी, पुरानी बस्ती, भाठागांव सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। इस प्रस्ताव में जोन-5 के कुछ क्षेत्रों में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से डामरीकरण, 50 लाख का नाला निर्माण, लाखे नगर, अश्विनी नगर क्षेत्र में 20 से 30 लाख रुपये कई छोटे-छोटे आवश्यक कार्य के प्रस्ताव शामिल थे, जो आचार संहिता खत्म होने के बाद ही कराए जा सकेंगे।

पार्षदों ने दिया था प्रस्ताव

नगर निगम को अगर यह पैसा समय पर मिल गया होता तो गर्मी के दिनों में निगम द्वारा सभी कार्य करा दिए जाते, लेकिन अब निगम के पास पैसा आने में समय लगेगा। इसके बाद बरसात आने पर कई कार्यों को कराया जाना मुश्किल होगा। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम ने जितने भी कार्यों के लिए नगरीय प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था, वे सभी कार्य नगर निगम के पार्षदों द्वारा प्रस्तावित थे।

इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन कार्यों का समय पर पूरा होना कितना जरूरी है। वहीं निगम के पार्षदों ने बताया कि उनके कई क्षेत्रों में जलभराव होता है, जिसके लिए नाला और नाली का कार्य कराना बहुत जरूरी है। वहीं नगर निगम के पास नगरीय प्रशासन से अधोसंरचना सहित अन्य मदों में पैसा आना था, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया निगम द्वारा की जाती।

फिर लटके पुराने कार्य

नगर निगम में करोड़ों रुपये के ऐसे विकास कार्य हैं, जिनमें टेंडर और वर्कआर्डर जैसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन इन कार्यों को अभी तक शुरू नहीं कराया जा सका है। इसमें शंकर नगर से जगन्नाथ नगर तक 97 लाख रुपये का नाला निर्माण, गोरख कालोनी में 1 करोड़ 34 लाख रुपये का नाला, वीर सावरकर नगर में 21 लाख रुपये की लागत से सुलभ शौचालय का कार्य, तात्यापारा वार्ड में सिंधी स्कूल से अग्रसेन चौक दुर्गा मंदिर तक 97 लाख से डामरीकरण का कार्य, अशोक बिहार कालोनी मेन रोड से शिव मंदिर तक नाली निर्माण कार्य, विजय नगर से कोयला बस्ती तक 10 लाख की लागत से नाली निर्माण का कार्य शामिल है।

इन विकास कार्यों में भी लगा ताला

– 17 लाख की लागत से मदर टेरेसा वार्ड में सीसी रोड और नाली

– 18 लाख की लागत से जल विहार कालोनी में गलियों की मरम्मत

– 3 करोड़ की लागत से प्रगति नगर, कबीर नगर में नाला निर्माण

– 18 लाख की लागत से कामरेड सुधीर मुखर्जी वार्ड में नाली निर्माण

– 15 लाख की लागत से डा. राजेंद्र प्रसाद वार्ड में सीसी रोड़ का निर्माण

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button