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काम की खबर: ठग ने AI से बदली आवाज, कहा- आपका बच्चा दुष्कर्म में फंस गया, पुलिस बोली- ठगी के नए तरीके से रहे सावधान

HIGHLIGHTS

  1. – दो महीने में साइबर सेल के पास पहुंचीं 40 शिकायतें, पुलिस ने किया अलर्ट

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Fraud With AI: ठग अब खुद को पुलिस अधिकारी, कर्मचारी बताकर, डीपी में पुलिस की वर्दी वाली फोटो लगाकर ठगने का प्रयास कर रहे हैं। आपके बच्चे ने तीन अन्य बच्चों के साथ मिलकर किसी लड़की के साथ दुष्कर्म किया, आप बाबूलाल बोल रहे हैं क्या, आपके बच्चे का अपहरण हो गया है आदि बहानों से लोगों को झांसे में ले रहे हैं।

वहीं, ठग क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर बच्चों के अभिभावकों को फोन कर बच्चों को फंसाने की धमकी देकर ठगी कर रहे हैं। दो महीने में 40 से ज्यादा शिकायत पहुंची हैं। स्कूल के समय में ज्यादातर घर वालों को फोन किया जा रहा है। ऐसे में घर वाले डर जा रहे हैं। हालांकि ठग कामयाब नहीं हो पाए। लोगों ने आनलाइन 1930 नंबर पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है। इसे देखते हुए साइबर पुलिस ने लोगों को अलर्ट किया है।

स्कूल से हो रहा डेटा लीक

जिन बच्चों के अभिभावकों के पास ठग के फोन आए, सभी शहर के निजी स्कूल के बच्चे हैं। जो यहां से पढ़ाई के बाद कहीं और चले गए हैं, उनके पास भी फोन किए जा रहे हैं। परिवादी ने आशंका जताई है कि स्कूल से डेटा लीक हुआ है। स्कूल में जिनके भी नंबर पंजीकृत थे, उनके अभिभावकों के पास एक-एक करके फोन किए गए।

केस – 01

आइटी अधिकारी ने दिखाई सजगता: रायपुर में एक अधिकारी के पास फोन आया। उन्हें कहा गया कि उनका बेटा दुष्कर्म के केस में अन्य दोस्तों के साथ फंस गया है। ठग ने खुद को क्राइम ब्राइंच से होना बताया। आइटी अधिकारी कुछ समय के लिए डर गए। इसके बाद जब आरोपित ने छोड़ने के नाम पर पैसे की मांग की तो वह समझ गए। पैसे नहीं दिए। बच्चे के स्कूल में फोन कर बात कर ली।

केस-02

तेलीबांधा थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति के पास फोन आया। उसे कहा गया कि आपकी बेटी को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित के कहने पर कालर ने रोती हुई लड़की से बात करवाई, लेकिन आवाज साफ नहीं आई। इसके बाद किसी ने डीजीपी बनकर व्यक्ति को धमकाया। इस पर पीड़ित ने साइबर शाखा में फोन किया। उसकी बेटी सुरक्षित थी।

रायपुर साइबर प्रभारी गौरव तिवारी ने कहा, ठग जालसाजी के नित नए प्रयोग कर रहे हैं। फर्जी काल आने पर उसकी तस्दीक करें और निकटतम थाने या साइबर थाने में सूचना दें। पहले पूरी बात समझा लें और किसी को भी पैसे न दें।

फोन आए तो यह करें

– अगर आपके पास कोई अनजान नंबर से फोन आए और आपके परिवार के किसी सदस्य को अरेस्ट करने की बात कहे तो घबराएं नहीं, पहले हकीकत समझने का प्रयास करें।

– ऐसा फोन आने पर पहले अपने बच्चे का पता करें कि वह स्कूल में है या नहीं और उससे बात करें।

– अनजान को वाट्सएप नंबर न दें।

– अगर आपको कोई रकम जमा कराने को कहे, तो उसे कभी न मानें। यह आपको ठगने का तरीका हो सकता है।

– अगर आपसे कोई वाट्सएप नंबर मांगे या कोई लिंक भेजे तो उसे कभी न खोलें, न शेयर करें। यह आपके डिवाइस को हैक करने का तरीका भी हो सकता है।

– फिर भी आप ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।

– वाट्सएप में सामने वाले की पुलिस वर्दी में डीपी में तस्वीर लगी दिखाई देती है उससे भी न घबराएं।

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