Who Is Acharya Pramod Krishnam: जानिए आचार्य प्रमोद कृष्णम के बारे में, जिन्हें कांग्रेस ने 6 साल के लिए कर दिया निष्कासित
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फैसले से जता रहे थे असहमति
- कई बार किया विरोध, पिछले दिनों पीएम मोदी से मिले थे
- श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में पीएम मोदी के आने की संभावना
एजेंसी, नई दिल्ली। कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश में पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यूं तो आचार्य प्रमोद कृष्णम शुरू से कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन हाल के दिन में अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद वे खुलकर पार्टी के खिलाफ बोलने लगने लगे थे।
पार्टी नेताओं को कठघरे में खड़ा करने के साथ आचार्य ने भाजपा में जाने की तैयारी कर ली है। 19 फरवरी को श्रीकल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने की संभावना है।
Who Is Acharya Pramod Krishnam
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने छात्र जीवन से ही कांग्रेस की राजनीति शुरू की थी। विभिन्न पदों पर रहने के अलावा उत्तर प्रदेश में कई बार पार्टी के महासचिव बने। कांग्रेस की पालिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य रहे। 2018 में पार्टी की तरफ से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं पंजाब के आम चुनाव में स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिली। 2014 में संभल संसदीय सीट और 2019 में लखनऊ से पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े।
प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने क्यों निष्कासित किया
कारण-1: प्रमोद कृष्णम करीब एक वर्ष से पार्टी को लेकर मुखर हैं। पार्टी नेताओं के सनातन धर्म का विरोध करने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। पार्टी को इससे नुकसान होने की भी हिदायत दी थी।
कारण-2: राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हार को उन्होंने सनातन के विरोध का ही कारण बताया था। उनका साफ कहना था कि पार्टी में कुछ नेता वामपंथी विचारधारा के हैं, जो कांग्रेस को बर्बाद कर रहे हैं।
कारण-3: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र ठुकराने को भी पार्टी नेताओं की आलोचना की थी। उनका कहना था कि गांधी परिवार को रामलला के दर्शन करने जाना चाहिए। भगवान सबके हैं।
कारण-4: मंदिर के निर्माण का श्रेय भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया था। साफ कहा, मोदी जी की वजह से मंदिर का निर्माण संभव हुआ है। आचार्य ने तीन दिन पहले राहुल गांधी के मिलने का समय नहीं देने की बात भी कही थी।