CG Politics: कांग्रेस महासचिव अरुण सिसोदिया ने पार्टी से दिया इस्तीफा, भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार पर लगाया काम में हस्तक्षेप करने का आरोप
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के सदस्य व कांग्रेस महासचिव अरुण सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और उनके अन्य साथियों के दबाव को बड़ा कारण बताया है।
सिसोदिया ने कहा कि इन्हीं सब कारणों की वजह से पार्टी से त्याग पत्र देना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ गठन व प्रबंधन की जिम्मेदारी मुझ पर थी। मैंने 18,300 बूथों का गठन किया। लक्ष्य 23,902 बूथों के गठन का रखा गया था। यह लक्ष्य रोक-टोक व बेवजह हस्तक्षेप के कारण पूरा नहीं हो पाया। वैशाली नगर से टिकट की प्रबल दावेदारी थी, लेकिन कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिया गया और हार का सामना करना पड़ा।
सिसोदिया ने कहा कि मैंने 20 साल पार्टी की सेवा की, लेकिन कुछ वर्ष पहले आएं लोगों को बघेल सरकार में उपकृत किया गया। साजिश के तहत मुझे प्रदेश महामंत्री व प्रदेश महामंत्री संगठन व प्रशासन से हटा दिया गया। यह सब कुछ चुनिंदा लोगों के इशारों पर हुआ। वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ गठन व अन्य डेटा विनोद वर्मा के पास साप्ट और हार्ड कापी में उपलब्ध है। यह पीसीसी की गोपनीय जानकारी है। इसे सुरक्षित किया जाना चाहिए। इस पूरे मामले पर नईदुनिया ने जब विनोद वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है।
सचिन पायलट सहित अन्य नेता को भेजी प्रतिलिपि
सिसोदिया में अपने इस्तीफे की प्रतिलिपि छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं को भेजी है। अन्य नेताओं में नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत, सह प्रभारी -विजय जांगिड़, चंदन यादव, सप्तगिरी उल्का व प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू को भी प्रेषित की है।
लोकसभा के पहले पीसीसी में फिर विवाद
बृहस्पत सिंह, विनय जायसवाल के बाद अरुण सिंह सिसोदिया प्रकरण में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक बार फिर विवाद शुरू हो चुका है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने सनसनीखेज आरोप लगाए थे। लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर विवाद शुरू हो चुका है।