Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों को तीन क्लस्टर में बांटा, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत व अजय चंद्राकर को सौंपी जिम्मेदारी
HIGHLIGHTS
- कल नई दिल्ली में देशभर के क्लस्टर संयोजकों की होगी बैठक
- नड्डा देंगे चुनावी मंत्र, तीन क्लस्टर में 11 लोकसभा सीटों का गणित
Lok Sabha Election 2024: रायपुर (राज्य ब्यूरो)। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की 11 सीटों पर चुनावी तैयारी तेज करने के लिए क्लस्टर संयोजक बनाए हैं। राज्य को तीन क्लस्टर में बांट कर वरिष्ठ नेताओं को उनकी जिम्मेदारी दी गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नई दिल्ली में क्ल्स्टर संयोजकों के साथ 16 जनवरी को चर्चा करेंगे। लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में लोकसभा की चुनावी तैयारियों के साथ ही संभावित प्रत्याशियों पर भी चर्चा हो सकती है।
इन्हें मिली क्लस्टर की जिम्मेदारी
रायपुर क्लस्टर के तहत दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा के संयोजक पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक राजेश मूणत, बिलासपुर क्लस्टर के तहत बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा के लिए पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक अमर अग्रवाल, वहीं बस्तर क्लस्टर में बस्तर, कांकेर व महासमुंद के लिए पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक अजय चंद्राकर को क्लस्टर संयोजक बनाया गया है।
प्रबोधन कार्यक्रम की तैयारियां तेज
इधर छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय परंपराओं के पाठ पढ़ाएंगे। सदन संचालन की बारीकियों के साथ सदन की विस्तृत परंपराओं से भी अवगत कराएंगे।
चुनाव के संबंध में होगी चर्चा
लोकसभा क्लस्टर की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित है। बैठक के बाद ही कुछ कहने की स्थिति होगी। बैठक में लोकसभा चुनाव के संबंध में चर्चा होगी।
अजय चंद्राकर, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा
फरवरी में हो सकती है कुछ प्रत्याशियों की घोषणा
पार्टी सूत्रों के अनुसार फरवरी के दूसरे हफ्ते में जनजातीय बहुल संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा सकती है। इनमें बस्तर, कोरबा, सरगुजा, बिलासपुर व जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र शामिल हैं। भाजपा कार्यालय में पार्टी की टिकट पाने के लिए संभावित प्रत्याशियों का बायोडाटा भी पहुंचने लगा है। भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में नए चेहरों को तरजीह दी जा सकती है, वहीं कुछ सीटों पर पुराने सांसद फिर से मैदान में उतारे जा सकते हैं।