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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक साल में की नौ टारगेट किलिंग, नक्सल-कांग्रेस गठजोड़ पर भाजपा हमलावर

HIGHLIGHTS

  1. टारगेट किलिंग : एक साल में नौ राजनीतिक हत्याएं
  2. आठ हत्याएं सिर्फ छत्‍तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में
  3. राजनीतिक हत्याएं लोकसभा चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Target Killing in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक साल में नौ टारगेट किलिंग करते हुए भाजपा नेताओं की नृशंस हत्या की है। इनमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आठ हत्याएं बस्तर क्षेत्र के धुर नक्सली क्षेत्रों में हुई है। जहां भाजपा नेताओं की राष्ट्रवादी विचारधारा और नक्सलियों की वामपंथी विचारधारा के बीच सीधा मुकाबला है। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांकेर में भाजपा जिला उपाध्यक्ष असीम राय की हत्या ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में सियासी उबाल ला दिया है। राज्य सरकार ने एक ओर जहां नक्सलियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई तेज करने का एलान कर दिया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा राजनीतिक हत्याओं के लिए नक्सल-कांग्रेस गठजोड़ को जिम्मेदार ठहरा रही है

भाजपा नेताओं की हत्या पर भाजपा प्रवक्ताओं ने इसे राजनीतिक हत्याएं इसलिए कहा है क्योंकि इसमें कहीं ना कहीं नक्सलियों के साथ कांग्रेस का गठजोड़ बताया जा रहा है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के साथ लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हत्याओं का मामला भी बड़ा मुद्दा बनेगा।

भुवनेश्वर साहू से असीम राय तक

भाजपा नेताओं का कहना है कि बिरनपुर के सांप्रदायिक दंगे में युवा भुवनेश्वर साहू की हत्या से लेकर असीम राय तक टारगेट किलिंग में कहीं ना कहीं कांग्रेस की संदिग्ध भूमिका है। बिरनपुर के सांप्रदायिक दंगे में कांग्रेस की सरकार ने दोषियों को पकड़ने के बयान उल्टे निर्दोषों पर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उतारा। उन्होंने न्याय की मांग उठाई। नतीजा यह हुआ है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रविंद्र चौबे को करारी हार का सामना करना रड़ा।

नक्सलियों को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने साफ कर दिया है कि टारगेट किलिंग पर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। प्रदेश में कानून का राज चलेगा। विधानसभा चुनाव के बाद बीते दिनों पहली बार बस्तर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत का रास्ता बिना बंदूक छोड़े नहीं हो सकता। नक्सलियों को बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में लौटना होगा।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा, नक्सलवाद की आड़ में बस्तर क्षेत्र में टारगेट किलिंग हो रही है।पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एक साल के भीतर बस्तर क्षेत्र में सबसे ज्यादा भाजपा नेताओं की राजनीतिक हत्याएं हुईं है। नक्सलियों की इस करतूत से बस्तर सहित अन्य क्षेत्रों में भाजपा का जनाधार कम नहीं होने वाला। लोकतंत्र की आवाज को बंदूक की गोली से नहीं दबाया जा सकता।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, भाजपा नेताओं की हत्या पर भाजपाई, कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब क्या जब भाजपा की सरकार में पंखाजूर में हत्या हो गई। दरअसल प्रदेश में कानून राज नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। राजधानी से लेकर बस्तर तक हत्या, चोरी, डकैती का आलम है। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है।

एक वर्ष के भीतर इन भाजपा नेताओं की संदिग्ध हत्या

1. 16 जनवरी 2023 कांकेर में भाजपा नेता बुधराम करटाम की संदिग्ध मौत।

2. पांच फरवरी 2023 को बीजापुर जिले के भाजपा मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम की नक्सलियों ने शादी समारोह में जाकर हत्या कर दिया।

3. 10 फरवरी 2023 को नारायणपुर जिला के भाजपा जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की नक्सलियों ने घर घुसकर हत्या कर दी।

4. 11 फरवरी 2023 को दंतेवाड़ा के पूर्व उपसरपंच रामधर अलामी की हत्या।

5. 21 जून 2023 नक्सलियों ने भाजपा के एसटी मोर्चा के जिला महामंत्री काका अर्जुन की गला रेतकर हत्या कर दी।

6. 21 अगस्त 2023 भाजपा नेता महेश गोटा की रात चिकटराज की पहाड़ी से अगवा कर लिया गया।

7. 18 अगस्त 2023 बीजापुर जिले के चिन्नागेलुर निवासी रामा पूनेम की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या की।

8. 20 अक्टूबर 2023 मोहला-मानपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता बिरजु तारम की हत्या।

9. तीन नवंबर 2023 को भाजपा नारायणपुर जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे की नक्सलियों ने कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी।

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